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NDA के कुनबे को राज्यों के छोटे दलों से मजबूत करेगी भाजपा, महाराष्ट्र से बंगाल तक पर नजर

मौजूदा राजनीतिक स्थिति में बिखरे विपक्ष को देखते हुए भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई बड़ी चुनौती मिलती नहीं दिख रही है, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार विपक्ष को कमजोर कतई नहीं मान रहे हैं।

Himanshu रामनारायण श्रीवास्तव, हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Wed, 4 May 2022 12:07 AM
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अगले लोकसभा चुनाव में बड़े लक्ष्य को लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मजबूती और विस्तार देने के लिए विभिन्न राज्यों के छोटे दलों को भी जोड़ने पर काम कर रही है। इस सिलसिले में महाराष्ट्र में राज ठाकरे, जम्मू-कश्मीर में सज्जाद लोन, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले छोटे दलों के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी चर्चा में है। मध्यप्रदेश में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और पश्चिम बंगाल में उत्तरी बंगाल के क्षेत्रीय ताकतों को साथ में लाने की कोशिश की जा रही है।

मौजूदा राजनीतिक स्थिति में बिखरे विपक्ष को देखते हुए भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई बड़ी चुनौती मिलती नहीं दिख रही है, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार विपक्ष को कमजोर कतई नहीं मान रहे हैं। पार्टी इस रणनीति पर भी विचार कर रही है कि अगर चुनाव के ठीक पहले विपक्ष एकजुट हो जाता है तब उसे भी अपनी ताकत को और ज्यादा बढ़ा कर मैदान में उतरना होगा। ऐसे में वह अपनी ताकत, विभिन्न राज्यों में अपने मौजूदा सहयोगियों को साधे रखने के साथ कुछ और नए सहयोगी भी जोड़ने में जुटी हुई है। खासकर उन राज्यों में जहां वह अकेले विपक्षी एकजुटता से लड़ने में कमजोर पड़ सकती है।

ठाकरे, कैप्टन व लोन पर नजर
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के साथ पार्टी भविष्य की रणनीति पर काम कर रही है। इसके अलावा पंजाब में विधानसभा चुनाव में साथ आए कैप्टन अमरिंदर सिंह को आगे भी मजबूती के साथ जोड़े रखा जाएगा। जम्मू-कश्मीर में भी सज्जाद लोन की एवं अन्य छोटे नेताओं को साथ में जोड़ने की कवायद जारी है। पश्चिम बंगाल में पार्टी उत्तरी बंगाल के स्थानीय दलों को अपने साथ लाने में जुटी हुई है। मध्य प्रदेश में भाजपा वैसे भी मजबूत है, लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का साथ उसे मिल सकता है। हालांकि, अभी इस सिलसिले में बातचीत शुरू नहीं हुई है।

मौजूदा सहयोगी साथ रहेंगे
एनडीए में अभी जो बड़े दल हैं, उनमें जनता दल व अन्नाद्रमुक प्रमुख हैं। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में कुछ सामाजिक आधार वाले दल भी उसके साथ जुड़े हुए हैं। इनमें हरियाणा में जेजेपी, झारखंड में आजसू, बिहार में हम, गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, यूपी में निषाद पार्टी और अपना दल प्रमुख हैं।

आंकड़ों में एनडीए मजबूत
मौजूदा आंकड़ों में एनडीए अभी बेहद मजबूत है। लोकसभा के 543 सांसदों में राज्य के 334 सांसद हैं। राज्यसभा में भी एनडीए के पास 245 में से 120 सांसदों का बड़ा समूह है। इसके अलावा देश भर में कुल 4036 विधायकों में एनडीए के खेमे के पास 1738 विधायक हैं। 18 राज्यों में एनडीए की सरकारें हैं। इनमें 12 में भाजपा के अपने मुख्यमंत्री हैं, जबकि छह में वह सहयोगी दलों के नेतृत्व में सहभागिता कर रही है। एनडीए के कुनबे में अभी लगभग 27 दल हैं। इसके अलावा कुछ और छोटे दल भी उसके साथ जुड़ते रहते हैं।

बिना सीट दिए भी जुड़ेंगे दल
दरअसल, भाजपा की कोशिश अगले लोकसभा चुनाव के पहले इसे और विस्तार देने और मजबूत करने की है। इस पर पार्टी लगातार काम कर रही है। राज्य से लेकर केंद्र तक बैठकों के दौर भी शुरू हो गए हैं। यह जरूरी नहीं है कि सभी सहयोगी दलों को लोकसभा चुनाव में सीटें भी दी जाए। उनको बिना सीट दिए भी उनको अपने साथ जोड़ा जाएगा।

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