सनातन धर्म के बाद 'भारत' पर भी बंटा 'INDIA' गठबंधन, कांग्रेस से अलग हैं साथी DMK के सुर
President of Bharat: कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'इंडिया' शब्द से यह सहम गए हैं। क्या वे इस हद तक चले जाएंगे कि वे संविधान बदल देंगे? संविधान में लिखा है, 'इंडिया दैट इज़ भारत'...।
नए विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A' की राय अब नए मुद्दे पर भी अलग नजर आ रही है। एक ओर जहां कांग्रेस ने 'The President of Bharat' पर आपत्ति जताई है। वहीं, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (DMK) ने सवाल किया है कि 'भारत' के इस्तेमाल से दिक्कत नहीं होनी चाहिए। दरअसल, खबर है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भेजे गए भोज के न्योते में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है।
DMK नेता टीआर बालू ने कांग्रेस की आपत्ति पर ही सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा, 'हमें इससे कोई आशंका नहीं होनी चाहिए क्योंकि संविधान में पहले से ही भारत का इस्तेमाल है। अगर राष्ट्रपति ने 'भारत' के नाम से (G-20 देशों को) न्योता भेजा है तो मुझे नहीं लगता इस पर कोई दिक्कत होनी चाहिए।'
कांग्रेस का क्या कहना है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने लिखा, 'तो खबर सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 डिनर के लिए 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाए 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' नाम से न्योता भेजा है। अब संविधान का अनु्च्छेद पढ़ा जाएगा: भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।' उन्होंने आगे लिखा, 'लेकिन अब इस राज्यों के संघ पर भी हमला किया जा रहा है।'
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, 'इंडिया' शब्द से यह सहम गए हैं। क्या वे इस हद तक चले जाएंगे कि वे संविधान बदल देंगे? संविधान में लिखा है, 'इंडिया दैट इज़ भारत'... भाजपा के अंदर का डर मोदी जी का भय दिखाता है। इधर INDIA का गठन हुआ उधर भाजाप का बोरिया बिस्तर समेटना शुरू हुआ... आप 'इंडिया' शब्द को धरती से नहीं मिटा सकते। हमें अपने भारत और इंडिया पर गर्व है।'
सनातन धर्म पर भी अलग-अलग सुर
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दे दिया था। उन्होंने कहा, 'सनातनम क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं।' उन्होंने सनातन धर्म खत्म किए जाने की बात कह दी थी।
इसपर कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक ने समर्थन जताया था। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना बीमारी से कर दी थी। खड़गे ने कहा था, 'कोई धर्म, जो समानता की बात नहीं करता, कोई धर्म जो यह सुनिश्चित नहीं करता कि मानव की गरिमा बनी रहनी चाहिए, वह मेरे हिसाब से बीमारी की तरह है।'
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना था, 'हमारा विचार साफ है और सर्व धर्म समभाव कांग्रेस की विचारधारा है। हर राजनीतिक दल अपने विचार सामने रखने के लिए स्वतंत्र है...। हम सभी की आस्था का सम्मान कर रहे हैं...।'
ये नेता हुए खिलाफ
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सनातन धर्म पर सवाल उठाने को गलत बताया है। उन्होंने कहा, 'मैं भी सनातन धर्म से हूं, हमें एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए, दूसरों की आस्था के खिलाफ बोलना गलत है।'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा था कि हर धर्म से अलग-अलग भावनाएं जुड़ी होती हैं और भारत अनेकता में एकता का देश है। उन्होंने कहा, 'मैं तमिलनाडु और दक्षिण भारत के लोगों का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन मेरा विनम्र अनुरोध है कि सभी का सम्मान करें, क्योंकि हर धर्म की अलग-अलग भावनाएं होती हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक देश है। भारत अनेकता में एकता का देश है।'
बनर्जी ने स्टालिन की टिप्पणी के बारे में कहा, 'उन्हें उतना अनुभव नहीं है और उन्हें इस बारे में संभवत: पता नहीं होगा।' उन्होंने कहा, 'मुझे यह नहीं पता कि उन्होंने ये टिप्पणियां क्यों और किस आधार पर कीं। मुझे लगता है कि हर धर्म का समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए... मैं सनातन धर्म का सम्मान करती हूं।'