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महाकुंभ में दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल को क्या हुआ? भीड़भाड़ देख हाल बुरा, हो गई एलर्जी

  • महाकुंभ 2025 में लॉरेन पॉवेल जॉब्स बीमार पड़ गई हैं। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में विश्राम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इतनी ज्यादा भीड़ पहले कभी नहीं देखी।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानTue, 14 Jan 2025 06:14 PM
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एप्पल के दिवंगत को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ में आने को बेताब थीं। उनका साध्वी बनकर कल्पवास करने और रीति-रिवाजों का पालन करते हुए सभी शाही स्नान में भाग लेने का मन था। हालांकि यात्रा के दौरान वह बीमार पड़ गईं। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में वो फिलहाल विश्राम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इतनी ज्यादा भीड़ पहले कभी नहीं देखी। इस तरह के महा मेले में पॉवेल को एलर्जी हो गई है।

इससे पहले स्वामी कैलाशानंद ने मंगलवार को कहा, "लॉरेन पॉवेल मेरे शिविर में हैं। वह इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह पर कभी नहीं गई और उन्हें कुछ एलर्जी हो गई है। वह बहुत सरल हैं और हमारी परंपरा का अनुभव करने के लिए यहां आई हैं।" प्रयागराज में त्रिवेणी संगम जाने से पहले उन्होंने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए। वह 20 जनवरी को राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अमेरिका लौटने से पहले 15 जनवरी तक निरंजनी अखाड़ा शिविर में रहेंगी।

शिविर में आराम कर रहीं लॉरेन

कैलाशानंद गिरि ने कहा कि पूजा के दौरान वह हमारे साथ रहीं। हमारी परंपरा ऐसी है कि जिन्होंने इसे कभी नहीं देखा, वो भी इसमें शामिल होना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "उनके पास 'सनातन' से संबंधित बहुत सारे प्रश्न हैं और हम उनके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।"

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लॉरेन की भारत में आध्यात्मिक यात्रा के बीच, उनके दिवंगत पति स्टीव जॉब्स द्वारा अपने बचपन के मित्र टिम ब्राउन को लिखा गया एक पत्र अमेरिका में एक नीलामी में लगभग 4.32 करोड़ रुपये में बिका।

स्टीव जॉब्स ने 23 फरवरी, 1974 को लिखे अपने पत्र में लिखा था, “मैं कुंभ मेला देखने के लिए भारत जाना चाहता हूं।”

लॉरेन बन गईं कमला

पॉवेल जॉब्स रविवार शाम प्रयागराज में स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज के आश्रम पहुंची थी और महाकुंभ का अद्भुत अनुभव लिया। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है जो 144 वर्षों के बाद हो रही है। इस आध्यात्मिक समागम में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं। सोमवार को 61 वर्षीय अमेरिकी व्यवसायी पॉवेल महाकुंभ में सिर पर नारंगी रंग का दुपट्टा ओढ़े उत्सव में भाग लेती नजर आईं थी। हाल ही में निरंजनी अखाड़े ने उन्हें हिंदू नाम 'कमला' दिया है। महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा।

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