सादा भोजन और सादगी, शिविर में यूं सनातन को समझ रहीं एप्पल के संस्थापक की पत्नी लॉरेन
- दो दिनों से लॉरेन की दिनचर्या बिल्कुल बदली हुई है। वह सुबह चार बजे उठकर योग और ध्यान करती हैं। इसके बाद वह गुरु स्वामी कैलाशानंद के साथ शिविर में होने वाले हवन, रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान में शामिल हो जाती हैं। वह शिविर में बना सादा भोजन करती हैं। वह बिल्कुल ही सादगी से रह रही हैं।
Laurene Powell Jobs in Mahakumbh: महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर नौ में निरंजनी पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरि का भव्य शिविर बना हुआ है। कैलाशपुरी मंदिर की तर्ज पर बना उनका शिविर कई दिनों से आकर्षण के केंद्र में है पर पिछले दो दिनों से इसकी चर्चा कुछ ज्यादा है। वजह हैं एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स, जो इन दिनों इस शिविर में प्रवास कर रही हैं। गेरूआ धारण कर वह अपने गुरु से सनातन धर्म को बारीकी से समझ रही हैं।
दो दिनों से लॉरेन की दिनचर्या बिल्कुल बदली हुई है। वह सुबह चार बजे उठकर योग और ध्यान करती हैं। इसके बाद वह गुरु स्वामी कैलाशानंद के साथ शिविर में होने वाले हवन, रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान में शामिल हो जाती हैं। वह शिविर में बना सादा भोजन करती हैं और बिल्कुल ही सादगी से रह रही हैं। 11 बजे जब स्वामी कैलाशानंद शिविर में अपनी पीठ पर बैठते हैं तो लॉरेन उनके साथ होती हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरि से मिलने आए शिष्यों और श्रद्धालुओं से जो बातचीत होती है, उसे वह बीच-बीच में लॉरेन को समझाते भी रहते हैं।
दिन में दो घंटे विश्राम करने के बाद वह साढ़े चार बजे से फिर गुरु के सानिध्य में आ जाती हैं। लॉरेन महाकुम्भ में अखाड़ों की गतिविधि, अमृत स्नान, कल्पवास आदि के बारे में अपने गुरु से ज्ञान ले रही हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन को अपनी पुत्री मानकर अपना गोत्र दिया है, जिसके बाद उनका नाम कमला रखा गया है। स्वामी कैलाशानंद गिरि कहते हैं कि लॉरेन जब जब भारत आएंगी तो उनके दिए नाम से जानी जाएंगी।
विदेश में या पासपोर्ट में उनका नाम लॉरेस ही रहेगा। स्वामी कैलाशानंद गिरि के निजी सचिव अवंतिका नंद ब्रह्मचारी ने बताया कि लॉरेन के साथ कुल 60 लोग आए हैं। वह सात दिनों तक शिविर में प्रवास करेंगी, इस दौरान वह शिविर और अखाड़े में होने वाली विविध गतिविधियों में भी शामिल होंगी।