गैर हाजिर नहीं हाजिर दिखाओ... आरजी कर केस में हड़ताली डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की अनुपस्थिति विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर होनी चाहिए, इसे मिसाल नहीं माना जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पिछले साल एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप एंड मर्डर के विरोध में हड़ताल पर गए डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने नई दिल्ली स्थित एम्स सहित देश भर के सभी अस्पतालों से इस घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान चिकित्सकों की अनुपस्थिति के संबंध में नियम तय करने को कहा है और आदेश दिया है कि हड़ताल अवधि के दौरान डॉक्टरों की “अनधिकृत” अनुपस्थिति को नियमित करें। यानी उनकी गैर हाजिरी को हाजिर दिखाएं , न कि अनुपस्थित या छुट्टी पर दिखाएं।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की अनुपस्थिति विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर होनी चाहिए, इसे मिसाल नहीं माना जा सकता। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ के समक्ष डॉक्टरों के एक संगठन ने दलीलों दी थी कि कुछ अस्पतालों ने 22 अगस्त, 2024 के आदेश के बाद डॉक्टरों की अनुपस्थिति को नियमित कर दिया है, लेकिन दिल्ली के एम्स समेत कई अन्य अस्पतालों ने हड़ताल की अवधि को गैरहाजिरी के साथ छुट्टी मानने का फैसला किया है।
इस पर CJI खन्ना ने कहा, “मामले में हम यह स्पष्ट करना उचित समझते हैं कि अगर प्रदर्शनकारी कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद काम पर लौटे हैं तो उनकी अनुपस्थिति को नियमित माना जाएगा और उन्हें ड्यूटी से अनुपस्थिति नहीं माना जाएगा। यह मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है।”
डॉक्टरों के संगठन की ओर से पेश हुए वकील ने खंडपीठ से कहा कि विरोध-प्रदर्शन की अवधि को कुछ अस्पतालों द्वारा छुट्टी मानने के फैसले से कुछ मेडिकल स्नातकोत्तर छात्रों के लिए परेशानी पैदा हो सकती है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि इस मामले में केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है इसलिए अस्पताल शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे। मेहता ने कहा कि एम्स, दिल्ली ने भी इस अवधि को डॉक्टरों द्वारा ली गई छुट्टी के रूप में मानने का फैसला किया है।
बता दें कि पीठ ने अपने पहले के आदेश में कहा था कि विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। उसी आदेश के अनुसार कल्याणी और गोरखपुर स्थित एम्स और चंडीगढ़ के पीजीआई ने उनकी अनुपस्थिति को नियमित कर दिया था। हालांकि, कुछ अन्य संस्थानों ने उक्त अवधि को डॉक्टरों की छुट्टी के रूप में दर्ज किया था। अब सभी को उस अंतराल में डॉक्टरों को नियमित दिखाना होगा।