Hindi Newsदेश न्यूज़Over 600 Christian families allege Waqf board claiming their properties in Kerala consulted JPC Kiren Rijiju responded

वक्फ बोर्ड के खिलाफ एकजुट 600 ईसाई परिवार, संसदीय समिति से लगाई संपत्ति बचाने की गुहार

केरल के सिरो-मालाबार चर्च और केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल जैसे प्रमुख ईसाई संगठनों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के संबंध में गठित संयुक्त संसदीय समिति से इसकी शिकायत कर मामले का हल करने का अनुरोध किया है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, एर्नुकुलमMon, 30 Sep 2024 06:05 PM
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केरल के एर्नाकुलम जिले में 600 से ज्यादा ईसाई परिवारों ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ संसदीय समिति से शिकायत की है। इन परिवारों का आरोप है कि उनकी जमीन को वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति बता रहा है। इन परिवारों को अपनी जमीन पर से बेदखल किए जाने का खतरा सता रहा है। सिरो-मालाबार चर्च और केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल जैसे प्रमुख ईसाई संगठनों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के संबंध में गठित संयुक्त संसदीय समिति से इसकी शिकायत कर मामले का हल करने का अनुरोध किया है।

दरअसल, कोच्चि के मछली पकड़ने वाले गांव चेराई में लगभग 610 परिवार इस भय में जी रहे हैं कि उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि वक्फ बोर्ड उन्हें उनकी संपत्तियों से बेदखल कर सकता है क्योंकि बोर्ड उनकी संपत्तियों को अपनी संपत्ति बता रहा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सिरो-मालाबार चर्च और केसीबीसी द्वारा लिखे गए पत्रों को एक्स पर साझा करते हुए आश्वासन दिया है कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा।

रिजिजू ने 28 सितंबर को लिखा, "वक्फ भूमि का मुद्दा विभिन्न समुदायों के लोगों को प्रभावित कर रहा है। मुझे यह देखकर दुख होता है कि प्रतिष्ठित ईसाई नेताओं को इस तरह से अपनी पीड़ा व्यक्त करनी पड़ रही है। मैं उन्हें आश्वासन देता हूं कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा।" उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) पर भी भरोसा जताया है।

संयुक्त संसदीय समिति को दिए गए अपने ज्ञापन में दोनों चर्च संगठनों ने केरल के एर्नाकुलम जिले के चेराई और मुनंबम इलाकों में ईसाई परिवारों की संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड द्वारा "अवैध" तरीके से दावा किए जाने के बारे में चिंता जताई है। सिरो-मालाबार पब्लिक अफेयर्स कमीशन के अध्यक्ष आर्कबिशप एंड्रयूज थजाथ ने जेपीसी को 10 सितंबर को लिखे एक पत्र में कहा कि एर्नाकुलम जिले में कई संपत्तियां जो इस क्षेत्र में पीढ़ियों से ईसाई परिवारों की हैं, उन पर वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से दावा किया गया है, जिसके कारण कानूनी लड़ाई और सही मालिकों को विस्थापित होना पड़ा है।

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आर्कबिशप ने लिखा कि करीब 600 से ज्यादा परिवार इस पीड़ा और भय से रोज गुजर रहे हैं। उन्होंने ने जेपीसी से इन क्षेत्रों और देश भर के कई अन्य हिस्सों में लोगों की दुर्दशा पर विचार करने का आग्रह किया, जो वक्फ बोर्ड द्वारा किए गए गैरकानूनी दावों के मद्देनजर अपने घर खोने के खतरे में हैं। इसी तरह के एक अन्य अनुरोध में, केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) के अध्यक्ष कार्डिनल बेसिलियोस क्लेमिस ने भी मुनंबम बीच, एर्नाकुलम में 600 से अधिक परिवारों की संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड के अवैध दावों के बारे में चिंता जताई है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में शिकायतकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि यह जमीन 1902 में सिद्दीकी सैत ने खरीदी थी और बाद में 1950 में फ़ेरोके कॉलेज को दान कर दी गई थी। मछुआरों और कॉलेज के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद 1975 में सुलझ गया, जब हाई कोर्ट ने कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने 1989 से कॉलेज से जमीन खरीदना शुरू कर दिया। लेकिन 2022 में गांव के कार्यालय ने अचानक दावा किया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है और संपत्ति बेचने या गिरवी रखने पर रोक लगा दी।

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