जैसे वक्फ बोर्ड, वैसे ही हिंदू बोर्ड बनना चाहिए; गया में गरजे बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री
तीन दिन प्रवास पर बोधगया पहुंचे बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जैसे वफ्फ बोर्ड है, वैसे ही हिंदू बोर्ड भी होना चाहिए। भारत के हिंदुओं के साथ हम अत्याचार नहीं होने देंगे। साथ ही 21 नवंबर से सनातनियों को एकजुट करने के लिए पदयात्रा करेंगे। जो बागेश्वर धाम से शुरू होगी।
बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री 27 सितंबर की रात बोधगया पहुंच गए। तीन दिनों 28, 29 और 30 सितंबर तक बोधगया के संबोधि रिसोर्ट में प्रवचन देंगे। धीरेंद्र शास्त्री के स्वागत में पहले से ही 200 की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। जिनके पूर्वजों का पिंडदान भी कराया जाएगा। बोधगया पहुंचने पर बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र की बात करते हुए कहा कि जैसे वफ्फ बोर्ड है, वैसे ही हिंदू बोर्ड भी होना चाहिए। ये देश हिंदुओं का है। अगर हालात नहीं सुधरे तो भारत भी बांग्लादेश हो जाएगा। भारत के हिंदुओं के साथ हम अत्याचार नहीं होने देंगे।
आगामी योजना के बारे में बताते हुए बाबा बागेश्वर धाम ने कहा कि 21 नवंबर से 29 नंवबर तक संपूर्ण भारत को एक करने के लिए पदयात्रा करेंगे। जो बागेश्वर धाम से 160 किमी की होगी। जिसका उदेश्य सनातनियों को एकजुट करने का है। उन्होने कहा कि वो मोक्ष और ज्ञान की भूमि गया जी में एक बार फिर से आए हैं। बालाजी की कृपा से बहुत जल्द विष्णुपद मंदिर में कथा सुनाएंगे।
वहीं तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने के विवाद पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हर मंदिर में गौशाला होनी चाहिए, मंदिरों की शुद्धता बनाए रखने के लिए सरकार को उन्हें हिंदुओं के अधीन छोड़ देना चाहिए। उन्होने उन खबरों का खंडन किया, जिसमें कहा जा रहा था कि वे केवल वीआईपी लोगों से मिल रहे हैं।
पितृपक्ष मेला दौरान तीर्थयात्रियों की अत्यधिक संख्या होने के कारण प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलने के कारण सार्वजनिक रूप से बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन और दरबार का भी आयोजन नहीं किया जाएगा। रिसोर्ट के एक हॉल में भागवत कथा और दरबार लगेगा। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।