मायावती के भाई आनंद कुमार भी नहीं रहेंगे नेशनल कॉर्डिनेटर, भतीजे आकाश को बाहर करने के बाद फैसला
- मायावती ने एक्स पर आनंद कुमार को नेशनल कॉर्डिनेटर के पद से हटाने की जानकारी दी है। उन्होंने रविवार को ही आनंद कुमार को यह जिम्मेदारी दी थी। आकाश आनंद को पार्टी से ही बाहर किए जाने के बाद अब इस फैसले की भी खूब चर्चा हो रही है।

बसपा प्रमुख मायावती के भाई आनंद कुमार पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर नहीं रहेंगे। उन्हें इसी सप्ताह यह जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन मायावती ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अब वह सिर्फ उपाध्यक्ष के पद पर काम करेंगे। मायावती ने कहा कि आनंद कुमार ने ही एक पद पर ही काम करने की इच्छा जाहिर की, जिसका स्वागत है। मायावती ने एक्स पर लिखा, 'काफी लम्बे समय से निस्वार्थ सेवा व समर्पण के साथ कार्यरत बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द कुमार को अभी हाल ही में नेशनल कोआर्डिनेटर भी बनाया गया था। उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित के मद्देनज़र एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत है।'
इसके आगे मायावती लिखती हैं, 'आनन्द कुमार पहले की ही तरह बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए सीधे मेरे दिशा-निर्देशन में पूर्ववत अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाते रहेंगे। और अब उनकी जगह यूपी के ज़िला सहारनपुर निवासी रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोआर्डिनेटर की नई ज़िम्मेदारी दी गई है। इस प्रकार, अब रामजी गौतम व रणधीर बेनीवाल ये दोनों बीएसपी नेशनल कोआर्डिनेटर के रूप में सीधे तौर पर मेरे दिशा-निर्देशन में देश के विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारियों को संभालेंगे। पार्टी को उम्मीद है कि ये लोग पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य करेंगे।' इस तरह मायावती ने तीन दिन के अंदर ही अपना फैसला बदल लिया है। रविवार को ही आनंद कुमार को नेशनल कॉर्डिनेटर घोषित किया गया था।
आकाश आनंद को लेकर मायावती के फैसले ने बसपा के भीतर भी लोगों को चौंकाया है। मायावती ने भतीजे को दो बार अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन रविवार को उन्हें नेशनल कॉर्डिनेटर के पद से हटा दिया। यही नहीं फिर उन्होंने सोमवार को ऐलान कर दिया कि आकाश आनंद को पार्टी से ही निकाला जाता है। मायावती ने यह भी कहा कि आकाश आनंद ने प्रायश्चित नहीं किया बल्कि अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ की तरह ही अहंकार दिखाया। उन्होंने कहा कि आकाश आनंद ने अपने ससुर के साथ मिलकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लिया। इसलिए उन्हें पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखाया जाता है।