बहुमत है नहीं, फिर भी ला रहे अविश्वास प्रस्ताव; आसन का सम्मान करना सीखे विपक्ष: रिजीजू की नसीहत
रिजीजू ने कहा कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वे संसद के अंदर और बाहर हमेशा किसानों और लोगों के कल्याण की बात करते हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ द्वारा मंगलवार को नोटिस सौंपने के कदम को ‘‘बेहद अफसोसजनक’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को धनखड़ पर बहुत गर्व है। रीजीजू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के पदेन सभापति बहुत पेशेवर और निष्पक्ष हैं। रिजिजू ने कहा, "विपक्ष ने आसन की गरिमा का अनादर किया है, चाहे वह राज्यसभा हो या लोकसभा। कांग्रेस पार्टी और उनके गठबंधन ने लगातार आसन के निर्देशों का पालन न करके गलत व्यवहार किया है।
रिजीजू ने कहा कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वे संसद के अंदर और बाहर हमेशा किसानों और लोगों के कल्याण की बात करते हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। रिजीजू ने कहा, "जो नोटिस दिया गया है और उस पर जिन 60 सांसदों ने दस्तखत किए हैं। मैं उन 60 सांसदों के कदम की निंदा करता हूं। एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को चेयरमैन पर भरोसा है। जिस तरह से वे सदन का मार्गदर्शन करते हैं, उससे हम खुश हैं।"
पहली बार, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के दलों ने मंगलवार को राज्यसभा में धनखड़ को हटाने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस पेश किया। विपक्षी दलों ने उन पर उच्च सदन के सभापति के तौर पर ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ आचरण करने का आरोप लगाया है। यदि प्रस्ताव पेश किया जाता है, तो इन दलों को इसे पारित कराने के लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता होगी, लेकिन 243 सदस्यीय सदन में उनके पास अपेक्षित संख्या नहीं है।
विपक्षी सदस्यों ने हालांकि, इस बात पर जोर दिया कि यह ‘‘संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने का एक संदेश’’ है। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने राज्यसभा महासचिव पी सी मोदी को नोटिस सौंपा। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), आम आदमी पार्टी (आप), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और समाजवादी पार्टी के सदस्यों सहित सहित 60 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)