असम की मस्जिद से बैठकर थी आतंक फैलाने की साजिश, NIA ने धर दबोचा; जैश-ए-मोहम्मद से लिंक
NIA और असम STF का संयुक्त अभियान बुधवार की देर रात चलाया गया। इस दौरान टीम ने साहनूर आलम के साथ, दो अन्य स्थानीय लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। सूत्रों के अनुसार, साहनूर का नाम एनआईए के सामने एक अन्य व्यक्ति ने बताया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने असम की मस्जिद से आतंक फैलाने की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JEM) के साथ संदिग्ध संबंधों के लिए राज्य के गोलपारा जिले से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। असम STF के साथ एक संयुक्त अभियान में NIA ने गोलपारा के विभिन्न इलाकों में छापेमारी और कई लोगों से सघन पूछताछ के बाद ये गिरफ्तारी की है। सूत्रों ने बताया कि गोलपारा के तुकुरा गांव में छापेमारी के दौरान, NIA ने एक मस्जिद से साहनूर आलम नामक एक इमाम को गिरफ्तार किया, जो जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर इलाके में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा था।
NIA और असम STF का संयुक्त अभियान बुधवार की देर रात चलाया गया। इस दौरान टीम ने साहनूर आलम के साथ, दो अन्य स्थानीय लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। सूत्रों के अनुसार, साहनूर का नाम एनआईए के सामने एक अन्य व्यक्ति ने बताया था, जिसे इस साल अक्टूबर में गोलपारा से जैश-ए-मोहम्मद के साथ संबंध रखने पर गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि 5 अक्टूबर को NIA ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के लिए असम से 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। उनमें से नौ सिर्फ ग्वालपाड़ा से थे।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 5 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की थी और उन्होंने कहा था कि ये गिरफ्तारियां दिखाती हैं कि असम में इस्लामी आतंकवादी सक्रिय हैं जो राज्य के मूल निवासियों के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा था, “जब भी एनआईए जैसी एजेंसियां आतंकवादियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी तलाशी अभियान चलाती हैं, तो वे असम से कुछ लोगों को गिरफ्तार करती हैं। इससे पता चलता है कि ये चरमपंथी हमारे राज्य में किस कदर सक्रिय हैं।”
उन्होंने यह भी कहा थ कि आतंकवादी असम में गुप्त रूप से रह रहे हैं और वे कुछ मामलों में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में शामिल होते हैं। उनके अनुसार, राज्य में बेदखली के खिलाफ हाल के विरोध प्रदर्शनों में लगाए गए नारे चिंताजनक थे। बाद में गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, "ये इस्लामी आतंकवादी खिलंजिया (स्वदेशी) आबादी के लिए एक बड़ा खतरा हैं। अगर यह जारी रहा, तो अगले 10-15 वर्षों में स्वदेशी लोगों के लिए यहाँ रहना असंभव हो जाएगा।"
इस साल मई में, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल-कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़े संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के दो संदिग्ध सदस्यों को गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि ये दोनों त्रिपुरा के रास्ते भारत में घुसे थे और शुरू में गुजरात गए थे। लेकिन उन्हें फिर से त्रिपुरा के रास्ते घर लौटने की कोशिश करते समय गिरफ्तार कर लिया गया था। मार्च में भी असम एसटीएफ ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के दो शीर्ष नेताओं को धुबरी से गिरफ्तार किया था।
उसके बाद, IIT गुवाहाटी के चौथे वर्ष के इंजीनियरिंग छात्र को भी ISIS में शामिल होने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। छात्र ने सोशल मीडिया पर एक पत्र पोस्ट किया था जिसमें भारत को काफिरों की भूमि कहा गया था।