उड़ानों को धमकियां : दिल्ली में दर्ज 16 मामले NIA को सौंपने की संभावना, पुलिस ने AAP सरकार को लिखा पत्र
दिल्ली से संचालित होने वाली विभिन्न विमानन कंपनियों की उड़ानों को धमकियां मिलने के संबंध में दर्ज कम से कम 16 मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है।
दिल्ली से संचालित होने वाली विभिन्न विमानन कंपनियों की उड़ानों को धमकियां मिलने के संबंध में दर्ज कम से कम 16 मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, पता चला है कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग को इन मामलों को एनआईए को सौंपने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि इसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है। ये सभी 16 मामले नागरिक उड्डयन की सुरक्षा के खिलाफ गैरकानूनी कृत्यों के दमन (एसयूए एससीए) अधिनियम के तहत बीएनएस धाराओं के साथ दर्ज किए गए थे और इनकी गहन जांच की जरूरत है।"
अक्टूबर के अंतिम दो सप्ताह में 510 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम की धमकियां मिलीं, जो बाद में झूठी निकलीं। ऐसी धमकियों से देशभर में विमानन कंपनियों के लिए परिचालन और आर्थिक संकट पैदा हो गया। ज्यादातर धमकियां सोशल मीडिया के माध्यम से दी गईं।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि दिल्ली से संचालित 150 से अधिक घरेलू या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मिली धमकियों को लेकर 16 मामले दर्ज किए गए हैं।
अक्टूबर में दर्ज किया गया था पहला मामला
पहला मामला 16 अक्टूबर को दर्ज किया गया था, जब बेंगलुरु जाने वाली अकासा एयर फ्लाइट को निशाना बनाते हुए एक्स के जरिये बम की धमकी मिली थी। उन्होंने बताया कि 180 से ज्यादा यात्रियों को ले जा रहे विमान को दिल्ली वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुलिस ने साइबर सेल और ‘आईएफएसओ’ के साथ मिलकर मामले की जांच की, लेकिन उसे अब तक किसी भी मामले में कोई सुराग नहीं मिला है।
एक अन्य आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘धमकी वाले मैसेज वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के जरिये भेजे गए थे, जिसकी वजह से जांच एजेंसियां इसके सटीक डोमेन या सर्वर का पता नहीं लगा सकी हैं। कुछ मामलों में जिन सर्वर से ऐसे मैसेज भेजे गए, वे ब्रिटेन और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों में स्थित थे।’’
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ‘डोमेन’ के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए इंटरपोल से संपर्क करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रही है।
दिल्ली पुलिस ने धमकी से जुड़े मामलों की जांच करते हुए महाराष्ट्र के गोंदिया के जगदीश श्रीराम उइके (35) से भी पूछताछ की।
सूत्र ने बताया, "जगदीश ने केंद्र सरकार के एक मंत्री को ईमेल भेजा था, जिसमें कहा गया था कि उसे भेजने वाले के बारे में जानकारी है। जब टीम ने उससे पूछताछ की, तो पाया कि यह दावा फर्जी है।"
उसने पुलिस अधिकारियों को बताया कि किसी आतंकवादी संगठन ने ये मैसेज भेजे हैं। सूत्र ने बताया कि 11वीं क्लास तक पढ़ाई करने वाले जगदीश ने आतंकवाद पर एक किताब ‘आतंकवाद-एक तूफानी राक्षस’ भी लिखी है।
अक्टूबर में बम धमकियों की पृष्ठभूमि में, आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों से कहा है कि वे अपने दायित्वों का पालन करें और आईटी नियमों के तहत निर्धारित नियमों के तहत गलत सूचना को तुरंत हटा दें।