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भारत में नाम बदलकर रह रहे बांग्लदेशी, धरपकड़ में जुटी NIA; तीन घुसपैठियों को पांच साल की सजा

  • पिछले साल अक्टूबर 2023 में, रिपेन हुसैन और मोहम्मद हसन अली ने दोष स्वीकार कर लिया था। उन्हें आईपीसी और विदेशी अधिनियम के तहत पांच साल की सजा सुनाई गई थी।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पुणेWed, 11 Dec 2024 07:55 PM
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विशेष अदालत ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज मामले में पांच साल की सजा सुनाई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को इस मामले में जानकारी दी। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया, "मोहम्मद हबीबुर रहमान हबीब उर्फ राज जेसुब मंडल, हनन अनवर हुसैन खान उर्फ हनन बाबुराली गाजी और मोहम्मद अजार अली सुब्हानअल्लाह उर्फ राजा जेसुब मंडल को पांच साल की जेल और प्रत्येक पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।"

क्या है पूरा मामला?

यह मामला मार्च 2018 में पुणे पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर से शुरू हुआ था। इस एफआईआर में बताया गया कि कई बांग्लादेशी नागरिक पुणे में बिना वैध दस्तावेज के रह रहे थे और अल-कायदा से जुड़े संगठन एबीटी के सदस्यों को सहायता प्रदान कर रहे थे। एनआईए ने इस मामले में सितंबर 2018 में तीन अभियुक्तों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। अन्य दो अभियुक्तों - मोहम्मद रिपेन हुसैन उर्फ रूबल और मोहम्मद हसन अली को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 471 (धोखाधड़ी) और विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत आरोपित किया गया था।

अदालत का निर्णय

पिछले साल अक्टूबर 2023 में, रिपेन हुसैन और मोहम्मद हसन अली ने दोष स्वीकार कर लिया था। उन्हें आईपीसी और विदेशी अधिनियम के तहत पांच साल की सजा सुनाई गई थी। अब, बाकी तीन अभियुक्तों को भी अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है। इससे पहले राज्यसभा में बुधवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि एनआईए ने अब तक कुल 640 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा, "5 दिसंबर 2024 तक एनआईए द्वारा 109 मामलों की सक्रिय जांच जारी है और 395 मामलों में आगे की जांच चल रही है। 505 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है। अब तक एनआईए ने 4,174 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 595 को सजा दिलवाई है। कुल 147 निस्तारित मामलों में से 140 में दोषसिद्धि हुई है। एनआईए की मामलों में दोषसिद्धि दर 95.23% है।" एनआईए ने यूएपीए के तहत 543 चल-अचल संपत्तियां जब्त या कुर्क की हैं, जिनकी कुल कीमत 109.6 करोड़ रुपये है।

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