Hindi Newsदेश न्यूज़New Controversy on JPC Member TMC MP Kalyan Banerjee statement over Waqf Bill and Muslim Property Jagdambika Pal reacts

'जहां मुस्लिम नमाज अदा करें, वही वक्फ संपत्ति', तृणमूल सांसद के बयान पर विवाद; कमेटी चीफ भड़के

वायरल वीडियो में कल्याण बनर्जी को बांग्ला में कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कोई भी स्थान, जहां मुसलमान नमाज अदा करते हैं, उसे स्वत: मौलिक रूप से वक्फ संपत्ति माना जाएगा।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 2 Dec 2024 05:19 PM
share Share
Follow Us on

वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। उनके बयान पर JPC के चीफ और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने भी नाराजगी जाहिर की है और उन्हें नसीहत दी है कि वह समिति के बाहर कोई बयान देने से बाज आएं और जो कुछ कहना है वह समिति के अंदर कहें। पाल ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "कल्याण बनर्जी जेपीसी के सदस्य हैं। इसलिए वक्फ पर उन्हें कोई भी विचार समिति के समक्ष रखना चाहिए। उन्हें बाहर बयान नहीं देना चाहिए।"

जगदंबिका पाल कल्याण बनर्जी के एक वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। वायरल वीडियो में कल्याण बनर्जी को बांग्ला में कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कोई भी स्थान, जहां मुसलमान नमाज अदा करते हैं, उसे स्वत: मौलिक रूप से वक्फ संपत्ति माना जाएगा। उनके इस बयान पर भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने तीखी टिप्पणी की है।

मालवीय ने एक्स पर कल्याण बनर्जी का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है,"बनर्जी की टिप्पणी का मतलब है कि सार्वजनिक स्थान, जैसे कि सड़कें, रेलवे ट्रैक, हवाई अड्डे, पार्क और अन्य क्षेत्र, जिनका उपयोग नमाज के लिए किया जाता है, किसी न किसी बहाने से वक्फ की भूमि के रूप में दावा किया जा सकता है। इस व्याख्या के तहत, कोलकाता के महत्वपूर्ण क्षेत्रों सहित भूमि के बड़े हिस्से मुस्लिम समुदाय को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे।" उन्होंने आगे लिखा, "अगर चुनावी लाभ के लिए इस तरह के विचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है, तो बंगाली हिंदू समुदाय को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, यहां तक ​​कि संभावित रूप से उनके गृह राज्य पश्चिम बंगाल में विस्थापन का जोखिम भी हो सकता है।"

इस बीच जगदंबिका पाल ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा वक्फ विधेयक के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाने की योजना संसदीय लोकतंत्र और “संविधान के सिद्धांतों” दोनों पर हमला है। पाल ने कहा, “पिछले तीन महीनों में हमने 29 बैठकें कीं और 147 से ज़्यादा प्रतिनिधिमंडलों की बात सुनी। हमने अपने जनादेश के अनुसार सभी संगठनों को अवसर दिए हैं। अगर विपक्षी सांसदों को लगता है कि ज़्यादा लोगों की बात सुनी जानी चाहिए, तो बैठक का बहिष्कार करना सही तरीका नहीं है। मैंने संजय सिंह, कल्याण बनर्जी और असदुद्दीन ओवैसी समेत सभी विपक्षी सदस्यों की बात सुनी है।”

ये भी पढ़ें:वक्फ मामले में ईडी पहुंची दिल्ली हाईकोर्ट; निचली अदालत के आदेश को दी चुनौती
ये भी पढ़ें:आंध्र प्रदेश में वक्फ बोर्ड को किया गया भंग, चंद्रबाबू नायडू सरकार का बड़ा ऐक्शन
ये भी पढ़ें:श्रीकृष्ण जन्मभूमि का वाद फास्ट ट्रैक में चले, वक्फ बोर्ड हो समाप्त
ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र : सरकार ने वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ देने का आदेश वापस लिया

बता दें कि संयुक्त संसदीय समिति में शामिल विपक्षी नेताओं ने 27 नवंबर की बैठक से वॉकआउट कर दिया था और चिंता जताई थी कि कई राज्य बोर्डों की बात अभी तक नहीं सुनी गई है। उन्होंने समिति के कार्यकाल को बढ़ाने की भी मांग की थी, जो 29 नवंबर को समाप्त होने वाला था। अब इस समिति का कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ा दिया गया है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा जो मार्च तक चलेगा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें