महाराष्ट्र : सरकार ने वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ देने का आदेश वापस लिया
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के आदेश को वापस ले लिया। भाजपा ने इस निर्णय को संविधान के खिलाफ बताया, जबकि सपा ने इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार...
- भाजपा बोली, संविधान में वक्फ बोर्ड का कोई स्थान नहीं - सपा ने आदेश वापस लेने के निर्णय को अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के अपने आदेश को शुक्रवार को वापस ले लिया। राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने यह जानकारी दी। वहीं, सपा ने इस फैसले को अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया है।
राज्य प्रशासन ने एक दिन पहले एक सरकारी प्रस्ताव जारी कर प्रदेश के वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये की निधि जारी करने का आदेश दिया था। यह पूछे जाने पर कि क्या 28 नवंबर के सरकारी प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है, मुख्य सचिव सौनिक ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की। सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 2024-25 के वास्ते 20 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी। इसमें से दो करोड़ रुपये बोर्ड को हस्तांतरित किए गए थे।
महायुति गठबंधन के तहत हाल ही में राज्य विधानसभा चुनाव जीतने वाली भाजपा ने एक दिन पूर्व 10 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह निर्णय प्रशासनिक स्तर पर लिया गया। पार्टी ने कहा कि संविधान में वक्फ बोर्ड का कोई स्थान नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कार्यवाहक सरकार ने अपना निर्णय वापस ले लिया है, क्योंकि यह उचित नहीं था। उन्होंने कहा कि नई सरकार इस सरकारी प्रस्ताव के समय और वैधता की जांच करेगी। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने कहा कि सरकार का आदेश वापस लेने का निर्णय दिखाता है कि नई सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है। उन्होंने राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये की मांग की।
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