Hindi Newsदेश न्यूज़MNS chief Raj Thackeray raised questions about cleanliness River Ganga

'गंगा के गंदे पानी को नहीं छू सकता, गंगाजल कौन पीएगा'; महाकुंभ स्नान पर क्या बोले राज ठाकरे

  • राज ठाकरे ने दावा किया कि कोई भी नदी साफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से ही मैं यह दावा सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी। अब इस मिथक से बाहर आने का समय आ गया है।’

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 9 March 2025 06:42 PM
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'गंगा के गंदे पानी को नहीं छू सकता, गंगाजल कौन पीएगा'; महाकुंभ स्नान पर क्या बोले राज ठाकरे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने गंगा नदी की स्वच्छता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की कोई भी नदी साफ नहीं है। ठाकरे ने मनसे की स्थापना के 19 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। मनसे प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से पवित्र जल लेकर आए थे, लेकिन उन्होंने इसे पीने से इनकार कर दिया। राज ठाकरे ने कहा, ‘मैंने गंगा नदी की स्थिति के बारे में सोशल मीडिया पर कई वीडियो देखे हैं। मैंने कुछ लोगों को नदी में अपना शरीर खुजलाते और स्नान करते भी देखा।’

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राज ठाकरे ने दावा किया कि कोई भी नदी साफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से ही मैं यह दावा सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी। अब इस मिथक से बाहर आने का समय आ गया है।’ उन्होंने कहा कि लोगों को अंधविश्वास से बाहर निकलना चाहिए। मैं उस गंगा के गंदे पानी को नहीं छू सकता जहां करोड़ों लोगों ने स्नान किया हो। ठाकरे ने सवाल किया, 'अगर लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए प्रयागराज गए और गंगा में स्नान किया, तो क्या वे सच में अपने पापों से मुक्त हो सकते हैं?' उन्होंने कहा कि अब आप विश्वास और अंधविश्वास के बीच का अंतर समझ गए होंगे।

देश में कोई भी नदी साफ नहीं, बोले राज ठाकरे

राज ठाकरे ने कहा कि यह मुद्दा नदी के पानी की सफाई का है। उन्होंने कहा, 'हमारे देश में कोई भी नदी साफ नहीं है, फिर भी हम इन नदियों को माता मानते हैं। विदेशों में नदियां साफ-सुथरी होती हैं, लेकिन वहां नदियों को माता नहीं कहा जाता। हमारे यहां तो लोग नदियों में नहाते हैं, कपड़े धोते हैं और जो चाहें करते हैं। यह कहां तक उचित है।' मनसे प्रमुख ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा, 'अभी-अभी कोविड आया था। 2 साल तक लोग मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे थे। अब वहां जाकर स्नान कर रहे है। कौन उस गंगा में जाकर कूदेगा? श्रद्धा का भी कुछ अर्थ होना चाहिए।'

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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