गंगा के प्रवाह पर नदी किनारे बसे कस्बों-गांवों की बढ़ती आबादी, पानी की बढ़ती मांग, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का प्रभाव पड़ा है। इससे गंगा के प्रवाह में कमी आई है। इसकी दिशा भी प्रभावित हुई है। इसके जलग्रहण का दायरा भी कम हुआ है। बक्सर से कहलगांव तक गंगा की धारा सिकुड़कर एक तिहाई रह गई है।
हापुड़ में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान का विशाल मेला लगता है। इसमें बैलगाड़ी, भैंसा बुग्गी के साथ लोग पहुंचते हैं। ग्रामीण भारत की झलक यहां दिखाई देती है।
महोत्सव के दौरान बच्चों के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसमें प्रश्नोत्तरी, फ़िल्म प्रदर्शन, जादू शो, कठपुतली शो, और चित्रकला प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। युवा पीढ़ी में नदी संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए जाएंगे।
बिहार में गंगा नदी में कल-कारखानों की वजह से प्रदूषण फैल रहा है। आरा से लेकर कटिहार तक राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित 156 फैक्ट्रियां अपना दूषित जल गंगा में गिरा कर उसे मैली कर रही हैं।
एनजीटी ने प्रयागराज में महाकुम्भ के दौरान गंगा-यमुना में स्नान योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित करने का आदेश दिया है।
एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुला लिया गया है। अभी तक युवक को जिंदा या मुर्दा बरामद नहीं किया जा सका है। इधर उसके फेसबुक लाइव का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। घटना मालसलामी थाना क्षेत्र के पीर मदारिया घाट की है। पुलिस छानबीन में जुट गई है।
उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के संरक्षण और सफाई के लिए होने वाले प्रयासों को एक और कामयाबी मिली है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की दिल्ली में हुई 56वीं कार्यकारी समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के लिए 73.39 करोड़ की लागत वाली 5 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
वाराणसी में गंगा में बिहार के तीन डूबे। एक छात्रा और दो छात्र गंगा किनारे टहलने के दौरान गिरे। इनमें से एक का शव बरामद हुआ और अन्य दो की तलाश जारी है। हादसा सामने घाट स्थित जजेज गेस्ट हाउस के पास भोर में हुआ। मोतिहारी के निवासी दोनों छात्र, बक्सर की छात्रा सामने घाट में एक फ्लैट पर रुके थे।
गंगा और अन्य नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की कड़ी में भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी हुई है। इसके तहत वाराणसी में स्वच्छ नदियों पर स्मार्ट प्रयोगशाला (एसएलसीआर) की स्थापना की गई है। जिसका मुख्य उदेश वरुणा नदी का संरक्षण करना है।
गंगा का जलस्तर दीघा घाट, गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। रविवार को सबसे खतरनाक स्थिति गांधी घाट रही। यहां गंगा का जलस्तर 49.39 मीटर तक पहुंच गया। गांधी घाट पर लाल निशान का स्तर 48.60 मीटर है। यानी खतरे के निशन से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर पानी बह रहा है।