Maldivian President mohammad Muizzu education career He has opened a front against India इंजीनियरिंग फिर सरकारी नौकरी भी... कितने पढ़े-लिखे हैं मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू; भारत के खिलाफ खोला है मोर्चा, India Hindi News - Hindustan
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इंजीनियरिंग फिर सरकारी नौकरी भी... कितने पढ़े-लिखे हैं मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू; भारत के खिलाफ खोला है मोर्चा

  • इंजीनियरिंग में अपना करियर तलाशने वाले मोहम्मद मुइज्जू का सियासत के प्रति कैसे रुख हुआ? इंजीनियरिंग करते-करते मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति कैसे बन गए? आइए जानते हैं।

Prashant Singh हिन्दुस्तान, एपी इनपुट के साथ, new delhiWed, 15 Jan 2025 01:20 PM
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इंजीनियरिंग फिर सरकारी नौकरी भी... कितने पढ़े-लिखे हैं मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू; भारत के खिलाफ खोला है मोर्चा

मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने दो महीने पहले शपथ ली थी। राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने अपने पड़ोसी देश भारत से रिश्ते खराब कर लिए। जब से मुइज्जू मालदीव की सत्ता में काबिज हुए हैं तभी से ही वह भारत के खिलाफ आक्रामक रहे हैं। राष्ट्रपति बनते ही मुइज्जू ने भारत को मालदीव से अपनी सेना बुलाने के लिए कह दिया। अब इसके लिए मुइज्जू सरकार ने 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दे दिया है। मगर इंजीनियरिंग में अपना करियर तलाशने वाले मोहम्मद मुइज्जू का सियासत के प्रति कैसे रुख हुआ? इंजीनियरिंग करते-करते मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति कैसे बन गए? आइए एक नजर डालते हैं मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के अब तक के करियर पर।

मुइज्जू का इंजीनियरिंग से सियासत का सफर

सियासत में आने से पहले मुइज्जू इंजीनियरिंग के पेशे में जाना चाहते थे। उनकी शैक्षणिक योग्यता कई लोगों को आश्चर्यचकित कर सकती है। मुइज्जू मालदीव के सबसे पुराने स्कूलों में से एक मजीदिया स्कूल के छात्र हैं। वहां से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए लंदन चले गए। मुइज्जू ने स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। लंदन विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक और पीजी की डिग्री हासिल की है। वहीं से उन्होंने अपनी पीएचडी भी की। मुइज्जू की पीएचडी का विषय था 'कंक्रीट पर गर्मी और समय का प्रभाव'। मुइज्जू अपना करियर एक कुशल इंजीनियर के रूप में देख रहे थे लेकिन उन्होंने उस दिशा में करियर बनाने की बजाय राजनीति की ओर रुख कर लिया।

सरकारी नौकरी से की करियर की शुरुआत

मुइज्जू के करियर की शुरुआत सरकारी नौकरी से हुई। 2012 में उन्होंने मालदीव के आवास और पर्यावरण मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उस समय वह मालदीव डेवलपमेंट अलायंस (एमडीए) के सदस्य थे। 2018 में मुइज्जू ने एमडीए छोड़ दिया और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) में शामिल हो गए। उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया। इस अवधि के दौरान मुइज्जू ने मालदीव के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न विकासात्मक कार्य किए। 2021 में मुइज्जू को मालदीव की राजधानी माले का मेयर चुना गया। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी एमडीपी के उम्मीदवार को हराकर यह पद हासिल किया। एमडीपी मेयर के रूप में 11 वर्षों तक सत्ता में रही।

भारत के खिलाफ हैं मुइज्जू की नीतियां

हाल ही में चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने भारत विवाद के बीच खुलकर बात की। उन्होंने शनिवार को कहा "हम छोटे हो सकते हैं मगर इससे हमें धमकाने का किसी को लाइसेंस नहीं मिल जाता।" मुइज्जू ने बिना किसी का नाम लिए यह बात कही मगर उनका यह बयान भारत के खिलाफ तंज माना जा रहा है। हाल ही में मुइज्जू सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजन टिप्पणियां की थी, जिसके बाद माहौल काफी गर्मा गया था। मुइज्जू चीन के करीबी हैं, यही कारण है कि उनकी नीतियां भारत के खिलाफ हैं।

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