Hindi Newsदेश न्यूज़No agreement will be reached by intimidation, India seized the opportunity amid China US tension

डराकर नहीं होगा कोई समझौता; चीन-US तनाव के बीच भारत ने लपका मौका, प्लान-B तैयार

  • यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका रूस से तेल खरीद पर कड़ा रुख अपना चुका है। ऐसे में भारत ने अब अमेरिका से तेल आयात बढ़ाने की योजना बनाई है ताकि व्यापार वार्ता में इसे एक सौदेबाजी के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 16 April 2025 11:26 AM
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डराकर नहीं होगा कोई समझौता; चीन-US तनाव के बीच भारत ने लपका मौका, प्लान-B तैयार

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर वार्ता ने जोर पकड़ लिया है। जहां एक ओर अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी तनाव बढ़ता जा रहा है, वहीं भारत इस स्थिति का रणनीतिक लाभ उठाने की तैयारी में है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, भारत खुद को एक विकल्पीय उत्पादन केंद्र के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। फिलहाल वार्ता वर्चुअल माध्यम से जारी है, लेकिन दोनों पक्ष मई में सीधी बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं।

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सिर पर बंदूक रखकर कोई समझौता नहीं करेगा और 90 दिनों की रियायती अवधि का इंतजार करने का इरादा नहीं रखता। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “भारत थोड़ा झुकेगा, लेकिन बदले में अमेरिका सहित वैश्विक बाजारों से अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करेगा।”

यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका रूस से तेल खरीद पर कड़ा रुख अपना चुका है। ऐसे में भारत ने अब अमेरिका से तेल आयात बढ़ाने की योजना बनाई है ताकि व्यापार वार्ता में इसे एक सौदेबाजी के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।

Apple प्रोडक्शन, ऑटो पार्ट्स पर छूट की मांग

भारत ने अमेरिका से ऑटो पार्ट्स पर रियायत मांगी है और यह भी संकेत दिया है कि देश में ऐपल मोबाइल उत्पादों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा भारत ने यह भी जताया है कि वह उन उत्पादों का उत्पादन करने को तैयार है जो अभी तक चीन में बनते हैं, खासतौर पर अमेरिकी ब्रांड्स के लिए।

चीन और वियतनाम से 'डंपिंग' पर नजर

भारत नहीं चाहता कि चीन, वियतनाम या कंबोडिया जैसे देश, जिन पर दूसरे बाजारों में भारी टैरिफ लग रहे हैं, अपने सस्ते उत्पाद भारत में खपाएं। इसके लिए सरकार ने एक विशेष परिषद गठित की है जो आयात पर कड़ी नजर रखेगी। एक सरकारी सूत्र ने कहा, “भारत दूसरों के कमजोर होने का लाभ उठाने की बजाय अपने हितों को प्राथमिकता देगा।”

नई संभावनाओं और प्रोत्साहनों पर फोकस

सरकार अब पारंपरिक बाजारों से आगे जाकर नई उत्पाद श्रेणियों में निवेश करने की योजना बना रही है। इसके लिए कॉरपोरेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने की बात भी की जा रही है ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी उत्पाद बना सकें।

भारत को टैरिफ वार से बचाने की तैयारी

भारत सरकार को विश्वास है कि वह इस वैश्विक टैरिफ हमले से खुद को बचा सकेगी और साथ ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी मजबूत भूमिका स्थापित कर पाएगी।

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