महाकुंभ में हजारों लोग मारे गए, कुछ गंगा में बहा दिए और कुछ दबाए गए: रामगोपाल यादव
- रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया कि लोगों को लाशें नहीं दी जा रही हैं। पोस्टमार्टम नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, '15 से 20 हजार रुपये देकर कहा जा रहा है कि पैसे लो और घर जाओ, ताकि ये सब संख्या में न आने पाए।'
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प्रयागराज में महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, 'प्रशासनिक लापरवाही हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की देखरेख में जो पुल बनाए गए थे, उन्हें बंद कर दिया गया। केवल अखाड़ों और वीवीआईपी के लिए छोड़ा गया था, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वहां हजारों लोग मारे गए। कुछ लोग गंगा में बहा दिए गए, कुछ लोगों को दबा दिया गया। संख्या 30 से ऊपर न जाने पाए, मुख्यमंत्री की ओर से अधिकारियों को यह आदेश है।'
रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया कि लोगों को लाशें नहीं दी जा रही हैं। पोस्टमार्टम नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, '15 से 20 हजार रुपये देकर कहा जा रहा है कि पैसे लो और घर जाओ, ताकि ये सब संख्या में न आने पाए। इतनी गंभीर लापरवाही हुई है। इसके बावजूद, किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, किसी की जिम्मेदारी तय नहीं हुई।' सपा सांसद ने कहा कि अगर हम लोग यह मामला यहां उठाना चाहते हैं तो यहां बैठे हुए लोग सर्टिफिकेट देकर आ जाते हैं। विपक्ष के कई सांसदों ने इसे लेकर नोटिस दिया था। मगर, किसी की नोटिस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। नोटिस रद्द करने का कारण भी नहीं बताया गया।
जया बच्चन बोलीं- मृतकों की सही संख्या बतानी चाहिए
सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, 'इस देश में अभी सबसे बड़ा मुद्दा है, महाकुंभ भगदड़ की घटना है। हजारों लोग चले गए हैं। उन्हें मृतकों की सही संख्या बतानी चाहिए। उन्हें संसद में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। जनता को सफाई देनी चाहिए। उन्होंने झूठ बोला है। व्यवस्थाएं आम आदमी के लिए नहीं, बल्कि VIP के लिए था।' वहीं, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने महाकुंभ भगदड़ मामले पर कहा कि लोकसभा में सभी विपक्षी दलों की एक ही मांग थी। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि कि महाकुंभ में जिन लोगों की मृत्यु हुई है उसके लिए सरकार की जवाबदेही है। आज हमने महाकुंभ को लेकर एक विशेष चर्चा की मांग रखी लेकिन सरकार की ओर से हमारी मांगों पर बुलडोजर चला दिया गया। बार-बार सरकार से यह सलाह आती है कि हम राष्ट्रपति अभिभाषण पर बोलें। ऐसी सनातन विरोधी राजनीति को हिन्दुस्तान कभी नहीं सहेगा। हम लोगों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।'
'ट्रक में मोबाइल फोन मिले, वे सब किसके?'
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा भी महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर सरकार पर हमलावर दिखे। उन्होंने कहा, 'कितनी जाने गई हैं, इसे लेकर हर कोई परेशान है। वहां लोग अपनों को ढूंढ रहे हैं। ऐसी अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि पूरी ट्रक में मोबाइल फोन मिले हैं जो छोड़े हुए थे। आखिर इनके ओनर कहां हैं? किसी को कुछ नहीं पता है।' उन्होंने कहा कि चिंता का विषय यह है कि आखिर कितनी जाने गई हैं? महाकुंभ इनसे (भाजपा) पहले भी था और इनके बाद भी होगा। महाकुंभ निरंतर है लेकिन राजनैतिक दल निरंतर नहीं है। लोग जवाबदेही चाहते हैं। इतनी जाने जाएं और सदन को अनभिज्ञ रखना सारे देश को अनभिज्ञ रखने जैसा है।
राज्यसभा में महाकुंभ पर चर्चा की मांग, बाहर निकले सांसद
बता दें कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में महाकुंभ में अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए सदन की कार्यवाही से बर्हिगमन कर दिया। सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार सुबह जैसे ही सदन के कार्यवाही शुरू की, तो कांग्रेस के प्रमोद तिवारी बोलने के लिए खड़े हो गए। सभापति ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी और विधायी कामकाज शुरू कर दिया। कार्यवाही के दौरान धनखड़ ने बताया कि कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, दिग्विजय सिंह और रंजीत रंजन तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, समाजवादी पार्टी के जावेद खान और रामजीलाल सुमन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने प्रयागराज में महाकुंभ में अव्यवस्था का उल्लेख करते हुए नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं, जिन्हें प्रावधानों के तहत नहीं होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया है।