यह दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन...महाकुंभ भगदड़ पर याचिका SC में खारिज, क्या थी मांग?
- महाकुंभ 2025 में भगदड़ को लेकर दायर की गई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। याचिका में महाकुंभ में देशभर से आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की गई थी।
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महाकुंभ 2025 में भगदड़ को लेकर दायर की गई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। याचिका में महाकुंभ में देशभर से आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की गई थी। एडवोकेट विशाल तिवारी ने 29 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़ के बाद 30 लोगों के मारे जाने के बाद यह पीआईएल दाखिल की थी। इस हादसे में 60 लोग घायल भी हुए हैं।
इस मामले की सुनवाई सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने की। बेंच ने महाकुंभ में भगदड़ पर कहाकि यह मामला चिंताजनक है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन आपको हाई कोर्ट जाना चाहिए। पीआईएल में मांग की गई थी कि कोर्ट सभी राज्यों को दिशानिर्देश दे कि वह प्रयागराज में मूलभूत सूचनाएं मुहैया कराने के लिए अपने सेंटर स्थापित करें। इसका मकसद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें दिशानिर्देश देना था।
इसके अलावा याचिकाकर्ता ने महाकुंभ में अन्य भाषाओं में अनाउंसमेंट करने, दिशासूचक बोर्ड लगाने संबंधी मांग की थी। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि इससे विभिन्न राज्यों से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि सभी राज्य यूपी सरकार के समन्वय से अपनी छोटी मेडिकल टीमें महाकुंभ मेले में भेजें। इसमें डॉक्टर और नर्सें भी मौजूद हों ताकि मेडिकल इमरजेंसी के दौरान मेडिकल स्टाफ की कमी न होने पाए।
याचिकाकर्ता ने महाकुंभ में भगदड़ और मौतों के जिम्मेदारों से रिपोर्ट मांगने संबंधी निर्देश देने के लिए भी कहा गया था। याचिका में कहा गया था कि शीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश सरकार से महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ पर रिपोर्ट मांगे। साथ ही घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।