सुप्रीम कोर्ट में गूंजा न्यायिक अधिकारियों की पेंशन का मुद्दा, सरकार बोली– UPS करेगी समाधान
- यह केस जिला न्यायपालिका के अधिकारियों और सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पेंशन वितरण से संबंधित चिंताओं से जुड़ा हुआ है।
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केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लागू किया है, जो संभवतः न्यायिक अधिकारियों की चिंताओं को दूर कर सकती है। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र सरकार के वकील द्वारा की गईं दलीलों को सुना। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए और पीठ को UPS के बारे में जानकारी दी। बता दें कि यह मामला जिला न्यायपालिका के अधिकारियों पर लागू होने वाली नई पेंशन योजना (New Pension Scheme - NPS) से जुड़ा हुआ है।
न्यायालय ने 12 सप्ताह के लिए टाला मामला
पीठ ने कहा कि "अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल का यह तर्क है कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम सभी कर्मचारियों की चिंताओं का समाधान कर सकती है। इनमें न्यायिक अधिकारी भी शामिल हैं।" इसे देखते हुए, अदालत ने कुछ समय के लिए मामले को टालने का निर्णय लिया ताकि देखा जा सके कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम कैसे काम करती है और फिर इस पर कोई निर्णय लिया जाए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 सप्ताह बाद होगी।
क्या है मामला?
यह केस जिला न्यायपालिका के अधिकारियों और सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पेंशन वितरण से संबंधित चिंताओं से जुड़ा हुआ है। शीर्ष अदालत जिला न्यायपालिका के अधिकारियों के वेतन, एरियर और भत्तों से संबंधित मुद्दों की भी सुनवाई कर रही है।
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)?
वित्त मंत्रालय ने 25 जनवरी को UPS की अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में सुनिश्चित किया जाएगा। यह योजना उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगी, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत कवर थे और जिन्होंने UPS का विकल्प चुना।
UPS के नियम और शर्तें:
निष्कासन, बर्खास्तगी या इस्तीफे की स्थिति में UPS का लाभ नहीं मिलेगा।
पेंशन के रूप में 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% भुगतान किया जाएगा।
UPS का लाभ पाने के लिए कम से कम 25 वर्षों की सेवा अनिवार्य होगी।
NPS के तहत 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को UPS और NPS में से किसी एक का विकल्प चुनने का मौका मिलेगा।
यह योजना 1 जनवरी 2004 से प्रभावी NPS के विकल्प के रूप में लाई गई है।
सरकार को उम्मीद है कि यह नई योजना कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ी असमंजस की स्थिति को दूर करेगी। अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट UPS पर आगे क्या निर्णय लेता है।