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महाकुंभ मेले में पहुंचीं जया किशोरी, पवित्र संगम में लगाई डुबकी; युवाओं से की खास अपील

  • 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी को समाप्त होगा। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाले इस महा आयोजन में संगम के पवित्र जल में स्नान करने से पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि होती है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 17 Jan 2025 04:07 PM
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प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुंभ 2025 में देशभर से आए करोड़ों श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने भी पवित्र डुबकी लगाई है। उन्होंने युवाओं से महाकुंभ में शामिल होने और संगम में स्नान का अनुभव लेने की अपील की। जया किशोरी ने पहली बार संगम में अमृत स्नान करने के अपने "अद्भुत" अनुभव को भी शेयर किया है।

एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह अनुभव "शांति, आनंद और आंतरिक ऊर्जा" प्रदान करता है। जया किशोरी ने बताया कि स्नान से पहले उनके मन में उत्साह और घबराहट का मिला-जुला अनुभव था, लेकिन जैसे ही उन्होंने पवित्र डुबकी लगाई, उनका सारा तनाव खत्म हो गया। उन्होंने कहा, "आप अंदर से शांति महसूस करते हैं। आपको एक अलग तरह की ऊर्जा महसूस होती है, जो सकारात्मक होती है। मेरा मानना है कि आज का युवा इसी शांति और ऊर्जा की तलाश में है।"

युवाओं को संदेश

जया किशोरी ने कहा कि आज का युवा स्थायी खुशी चाहता है। उन्होंने शास्त्रों में वर्णित "आनंद" का उदाहरण देते हुए कहा, "अगर आप सच्चा आनंद चाहते हैं, तो महाकुंभ जैसे आयोजनों में शामिल हों। यह अनुभव न केवल सकारात्मक होता है बल्कि आत्मा को भी समृद्ध करता है।"

महाकुंभ 2025: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन

13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी को समाप्त होगा। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाले इस महा आयोजन में संगम के पवित्र जल में स्नान करने से पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि होती है। इस बार 45 दिनों के महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

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भौतिकवाद और अध्यात्म का संतुलन

पिछले साल अक्टूबर में जया किशोरी को 2 लाख रुपये के कस्टम डिओर "बुक टोट" बैग ले जाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि, जया किशोरी ने इसे भौतिकवाद और अध्यात्म का संतुलन बताते हुए भगवद्गीता में अर्जुन का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "भगवद्गीता में कहीं नहीं कहा गया है कि सबकुछ त्याग दो। अर्जुन को अपने धर्म का पालन करते हुए लड़ाई लड़ने के लिए सिखाया गया था। अगर आप विद्यार्थी हैं, तो आपका धर्म पढ़ाई करना है। पैसे कमाना गलत नहीं है, लेकिन यह जरूर देखना चाहिए कि पैसा आपको न खरीद ले।" मार्च 2024 में जया किशोरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'बेस्ट क्रिएटर अवार्ड फॉर सोशल चेंज' से सम्मानित किया गया था। उन्हें आधुनिकता और अध्यात्म के समन्वय के लिए सराहा गया।

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