इजरायल के खिलाफ नए साल से पहले खुला एक और मोर्चा, तेल अवीव के पास आकर गिरी मिसाइल
- सोमवार को यमन से एक बलिस्टिक मिसाइल इजरायल की ओर दागी गई। इजरायली डिफेंस फोर्सेज के अनुसार यमन से आने वाली इस मिसाइल को पहले ही रोक लिया गया। इसके अलावा सेंट्रल इजरायल को निशाना बनाते हुए दागी गई मिसाइल से अलर्ट करने के लिए इजरायल में सायरन बजते रहे।
बीते करीब सवा साल से इजरायल का संघर्ष हमास, हिजबुल्ला जैसे आतंकी संगठनों से चल रहा है। इस बीच इजरायल ने एक नया मोर्चा नए वर्ष से ठीक पहले खोल दिया है। इजरायल ने ईरान समर्थक उग्रवादी संगठन हूथी के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है और यमन में हमले किए हैं। यही नहीं उसे भी यमन की धरती से होने वाले हमले झेलने पड़ रहे हैं। सोमवार को यमन से एक बलिस्टिक मिसाइल इजरायल की ओर दागी गई। इजरायली डिफेंस फोर्सेज के अनुसार यमन से आने वाली इस मिसाइल को पहले ही रोक लिया गया। इसके अलावा सेंट्रल इजरायल को निशाना बनाते हुए दागी गई मिसाइल से अलर्ट करने के लिए इजरायल में सायरन बजते रहे।
इजरायल से आई रिपोर्ट्स के अनुसार यमन से दागी गई मिसाइल सेंट्रल इजरायल के पास हारिश में जाकर गिरी। इजरायल की सेना ने कहा कि हम हूथी विद्रोहियों से मुकाबले को तैयार हैं। यमन से हूथी ने एक मिसाइल दागी थी, जिसे हमने रोक लिया था। लाल सागर कॉरिडोर में हमले के अलावा कई बार हूथी विद्रोही इजरायल को निशाना बनाते हुए हमले कर चुके हैं। हूथी विद्रोहियों का कहना है कि जब तक इजरायल की ओर से गाजा में सीजफायर का ऐलान नहीं किया जाएगा, तब तक हमले जारी रहेंगे। इजरायल की ओऱ से गाजा में किए जा रहे हमलों में अब तक 45,500 लोग मारे गए हैं। इनमें से 20 हजार से अधिक बच्चे और महिलाएं हैं। इस बीच इजरायल ने एक बार फिर से हमले किए हैं। गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि सोमवार को ही 27 लोगों की इजरायली हवाई हमलों में मौत हो गई।
एक तरफ गाजा प्रशासन का कहना है कि आम नागरिक मारे गए हैं तो वहीं इजरायल का कहना है कि हम सिर्फ उग्रवादियों को ही टारगेट कर रहे हैं। लेकिन यमन की ओर से एक नया मोर्चा खुलना चिंता बढ़ाने वाला है। इससे इजरायल और हमास के बीच जारी जंग विस्तार लेती दिख रही है। ईरान पहले ही इस मामले में इजरायल के खिलाफ है। वहीं लेबनान में सक्रिय हिजबुल्ला आतंकी संगठन भी हमलावर है। दरअसल इजरायल ने भी बीते सप्ताह में यमन पर जोरदार हमले किए थे। माना जा रहा है कि यदि डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों की वजह से इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम हुआ तो हालात संभल सकते हैं। लेकिन ऐसा न होने की स्थिति में इजरायल के खिलाफ कई मोर्चों पर संघर्ष छिड़ सकता है।