IIT बाबा भी करते हैं वायरल सुंदरी हर्षा रिछारिया को फॉलो, Instagram पर मिला कनेक्शन
- अभय सिंह हरियाणा के झज्जर के सासरौली गांव से आते हैं। उन्होंने IIT बॉम्बे से पढ़ाई की है। हर्षा रिछारिया की उम्र 31 साल है। वह उत्तराखंड की रहने वाली हैं और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी वह रहीं। वह निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं।
भारत के सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले IIT बॉम्बे से शिक्षा हासिल कर चुके अभय सिंह खासे चर्चा में हैं। वह अब दुनिया का मोह छोड़ चुके हैं और साधुओं के साथ घूमते हैं। इसके अलावा सुंदरता के कारण फेमस हो रहीं हर्षा रिछारिया का नाम भी सुर्खियों में हैं। महाकुंभ 2025 के जरिए फेमस हुए इन दोनों ही चेहरों के बीच एक कनेक्शन भी मिला है।
खास बात है कि IIT बाबा के नाम से फेमस हुए अभय इंस्टाग्राम पर हर्षा रिछारिया को फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभय के 1 लाख 60 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं। जबकि, वह फॉलो सिर्फ 40 लोगों की करते है, जिनमें हर्षा भी शामिल हैं। हर्षा और अभय, दोनों ही साफ कर चुके हैं उन्होंने अब तक संन्यास नहीं लिया है।
कौन हैं IIT बाबा
अभय सिंह हरियाणा के झज्जर के सासरौली गांव से आते हैं। उन्होंने IIT बॉम्बे से पढ़ाई की है। हेडलाइन्स इंडिया से बातचीत में उन्होंने बताया, 'मैंने बीटेक किया है एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में आईआईटी बॉम्बे से। इसके बाद IIT बॉम्बे से ही किया विजुअल कम्युनिकेशन। बीटेक के समय भी मैं दर्शन शास्त्र के कोर्सेज लेता था कि जीवन क्या है...।'
वह करीब डेढ़ साल से परिवार के संपर्क में नहीं हैं। इधर, खबरें ये भी हैं कि पेशे से वकील उनके पिता कर्ण सिंह बेटे के फैसले से खासे दुखी हैं और चाहते हैं कि वह घर लौट आए। जबकि, मीडिया से बातचीत में अभय कहते हैं कि उन्हें घर की अब कोई याद नहीं आती। वह कोरोना काल में तीन साल तक कनाडा में नौकरी कर चुके हैं।
हर्षा रिछारिया
हर्षा की उम्र 31 साल है। वह उत्तराखंड की रहने वाली हैं और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी वह रहीं। वह निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं। वह बताती हैं कि करीब 2 साल पहले उन्हें अध्यात्म का रास्ता अपनाया था, लेकिन अब तक संन्यास नहीं लिया है। वह सोशल मीडिया पर खुद को एंकर, मेकअप आर्टिस्ट भी बताती हैं।
निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान एक रथ पर संतों के साथ कथित तौर पर 'एंकर' हर्षा रिछारिया के बैठने को लेकर विवाद पैदा हो गया। काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने फेसबुक पर लिखा है, 'महाकुंभ मेले में निरंजनी अखाड़े के छावनी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज से भोजन प्रसाद पर चर्चा हुई। मैंने कहा कि यह कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए नहीं आयोजित है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है। इसलिए इस कुकृत्य पर आप कार्रवाई कीजिए।'
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