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Hindi Newsदेश न्यूज़External Affairs Minister Jaishankar lays out vision for stronger India Mediterranean ties at CII Conclave

भूमध्य सागर तक भारत की क्या हैं प्राथमिकताएं, विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया अब पश्चिम का प्लान

विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में भूमध्यसागरीय क्षेत्र के देशों के साथ भारत के संबंधों में खास प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि पिछले साल भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भारतीय व्यापार का स्तर 77.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।

Pramod Praveen एएनआई, नई दिल्लीFri, 6 Sep 2024 05:26 PM
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत आगामी वर्षों में भूमध्य सागर से लेकर पश्चिम में अटलांटिक और प्रशांत महासागर तक आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की योजना पर काम कर रहा है। शुक्रवार को नई दिल्ली में CII इंडिया मेडिटेरिनियन बिजनेस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने भूमध्य सागर क्षेत्र में भारत की भागीदारी को बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भूमध्य सागरीय अर्थव्यवस्था में भारत एक बड़े पार्टनर की भूमिका निभा सकता है।

जयशंकर ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में भूमध्यसागरीय क्षेत्र के देशों के साथ भारत के संबंधों में खास प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि पिछले साल भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भारतीय व्यापार का स्तर 77.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।" कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा, "... पिछले साल नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भारत-मध्य-पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) की घोषणा ने वास्तव में उम्मीदो के कई द्वार खोले हैं।"

अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश द्वारा की गई प्रगति पर बोलते हुए, उन्होंने कहा, “भारत ने वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड पहल का समर्थन किया है। यह दूरदर्शी प्रयास एक अंतरक्षेत्रीय हरित ग्रिड का निर्माण करता है जो विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा के हस्तांतरण को सक्षम बनाता है।”उन्होंने कहा, "भारत जैसा देश, जिसने औसतन हर साल डेढ़ से दो नए मेट्रो बनाए हैं, जिसने पिछले दस वर्षों से सालाना सात नए हवाई अड्डे बनाए हैं, हम भूमध्यसागरीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक गंभीर भागीदार हो सकते हैं।"

दुनिया में भारत की बढ़ती आर्थिक स्थिति पर बोलते हुए, जयशंकर ने कहा, "आज, भारत पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत तक यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है।" उन्होंने कहा कि भूमध्य सागर लगभग 600 बंदरगाहों के माध्यम से वैश्विक समुद्री व्यापार में 25% का योगदान देता है, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य के लिए इस क्षेत्र का महत्व अहम है। उन्होंने यह भी कहा कि पारस्परिक लाभ के लिए भूमध्य सागर को हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जोड़ना उचित है। पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि इस स्थिति के कारण शिपिंग मार्गों में महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न हुए हैं। जयशंकर ने कहा, “पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष ने इन समकालीन पहलों, व्यवधानों और महत्वपूर्ण जलीय मार्गों में से कुछ के बारे में चिंताएँ पैदा की हैं, जिससे जहाजों की परिवहन लागत बढ़ गई है।”

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