Hindi Newsदेश न्यूज़DMK MP Dayanidhi Maran questioned three Language formula debate on NEP Lok Sabha uproar Dharmendra Pradhan

जब उत्तर भारत के छात्र एक ही भाषा सीख रहे तो तमिलनाडु में 3 क्यों सीखें? बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री

मारन ने कहा कि हमारी पार्टी DMK कभी भी NEP या 3-भाषा नीति के लिए सहमत नहीं हुई है। हम सभी ने कहा है कि हम ऐसा नहीं कर सकते ... तमिलनाडु में हमारे छात्रों को 3 भाषाएँ क्यों सीखनी चाहिए

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 10 March 2025 02:40 PM
share Share
Follow Us on
जब उत्तर भारत के छात्र एक ही भाषा सीख रहे तो तमिलनाडु में 3 क्यों सीखें? बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री

लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर तमिलनाडु की सतातधारी पार्टी द्रमुक मुनेत्र कड़गम(DMK) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। इस कारण सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। बाद में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी दल डीएमके पर तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने का आरोप लगाया। इसी दौरान सदन में डीएम के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारान ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि वह इस हात को लेकर झूठ बोल रहे हैं कि डीएमके सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपनी सहमति दी है।

मारन ने कहा, "हमारी पार्टी DMK कभी भी NEP या 3-भाषा नीति के लिए सहमत नहीं हुई है। हम सभी ने कहा है कि हम ऐसा नहीं कर सकते ... तमिलनाडु में हमारे छात्रों को 3 भाषाएँ क्यों सीखनी चाहिए, जबकि उत्तर भारत के छात्र केवल एक भाषा ही सीखते हैं।" हालांकि उन्होंने कहा कि वह हिंदी के खिलाफ नहीं हैं। मारन ने कहा, “हम हिन्दी के खिलाफ नहीं हैं और अगर कुछ ऐसे छात्र हैं जो हिंदी सीखना चाहते हैं, तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन यह अनिवार्य नहीं होना चाहिए।”

देश में विभाजन की हो रही कोशिशें: रविकिशन

इस दौरान त्रि-भाषा नीति पर भाजपा सांसद रवि किशन ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल देश में एक विभाजन करने के लिए यह सब कोशिश कर रहे हैं और भाषा विवाद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैंने सभी भाषाओं में काम किया है। मैं तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती में लोकप्रिय हूं ... वे (विरोध) देश में एक विभाजन बनाने के लिए यह सब कर रहे हैं। यह पिछले 65 वर्षों में उनकी राजनीति का तरीका रहा है ...यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सच्चाई यह है कि वे अपने राजनीतिक भविष्य को नहीं देख सकते हैं कि यह जानने के बाद कि 67 करोड़ से अधिक लोगों ने महा कुंभ में एक पवित्र डुबकी लगाई है।"

लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा

बता दें कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही सोमवार को जैसे ही शुरू हुई और लोकसभा में प्रश्नकाल का सामान्य तरीके से आरंभ हुआ, तब पीएमश्री योजना को लेकर द्रमुक सांसद टी सुमति के पूरक प्रश्न पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के जवाब के बाद द्रमुक सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। सुमति ने पीएमश्री योजना के तहत आरोप लगाया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं करने के कारण तमिलनाडु को पीएमश्री योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि अन्य राज्यों को हस्तांतरित कर दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं (शिक्षा) मंत्री से पूछना चाहती हूं कि क्या स्कूली छात्रों की शिक्षा के लिए चिह्नित धन को राज्य के खिलाफ बदला लेने के औजार के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए?’’ सुमति ने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहती हूं कि क्या वह संसद को आश्वासन देगी कि कानून के तहत जिस नीति को लागू नहीं किया जा सकता, उसे स्वीकार नहीं करने के लिए किसी भी राज्य को धन की कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा?’’

ये भी पढ़ें:DMK सांसदों पर जमकर गरजे शिक्षा मंत्री प्रधान, फिर अचानक क्यों मांग ली माफी
ये भी पढ़ें:स्टालिन ने लोकसभा सीटें घटने वाला डर पंजाब और बंगाल तक बढ़ाया, बुलाए 7 सीएम
ये भी पढ़ें:हिंदी विरोध की आग कर्नाटक तक आई, स्टालिन बोले- दूसरी भाषाओं के दिवस क्यों नहीं

डीएमके पर भड़के धर्मेंद्र प्रधान

पूरक प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘एक समय था जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ (एनईपी पर) एमओयू पर हस्ताक्षर करने को तैयार थी। तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के साथ कुछ सदस्य हमारे पास आए थे और उन्होंने सहमति व्यक्त की थी।’’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे गैर-भाजपा शासित राज्य भी पीएमश्री योजना को स्वीकार कर रहे हैं।

प्रधान ने कहा, ‘‘हम तमिलनाडु को वित्तीय आवंटन कर रहे हैं, लेकिन वे प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे (द्रमुक) तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। वे जानबूझकर राजनीति कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वे छात्रों के साथ अन्याय कर रहे हैं और अलोकतांत्रिक तथा असभ्य तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।’’

उन्होंने द्रमुक पर तमिलनाडु के छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार सबके लिए काम कर रही है। प्रधान ने कहा, ‘‘मेरी जानकारी है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एनईपी को स्वीकार करना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग उन्हें रोक रहे हैं जो भविष्य में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री (स्टालिन) छात्रों के प्रति ईमानदार नहीं हैं।’’पीएमश्री योजना के तहत एनईपी 2020 के सिद्धांतों के अनुरूप देश में आदर्श विद्यालय स्थापित किए जाने हैं। तभी मंत्री के जवाब के बीच द्रमुक सांसद आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।