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भाजपा के पूर्वजों ने जलाए थे भीमराव अंबेडकर के पुतले? जानिए कांग्रेस के दावे की हकीकत

  • इस पूरे मामले पर जमकर घमासान मचा है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने यहां तक कहा है कि भाजपा के पूर्वजों ने बाबा साहेब अंबेडकर के पुतले जलाए थे।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 19 Dec 2024 02:39 PM
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए बयान को लेकर घमासान मचा हुआ है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि अमित शाह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है। हालांकि भाजपा ने अमित शाह के बयान का बचाव किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अमित शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’

इस पूरे मामले पर जमकर घमासान मचा है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने यहां तक कहा है कि भाजपा के पूर्वजों ने बाबा साहेब अंबेडकर के पुतले जलाए थे। जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "इससे पता चलता है कि भाजपा और आरएसएस के नेताओं को बाबा साहब अंबेडकर से कितनी नफरत है। नफरत इतनी है कि उन्हें उनके नाम से भी चिढ़ होती है। ये वही लोग हैं जिनके पूर्वजों ने बाबा साहब के पुतले जलाए थे, जो बाबा साहब के दिए संविधान को बदलने की बात करते थे।”

किसने जलाए थे डॉ. अंबेडकर के पुतले?

इंडियन एक्सप्रेस ने इतिहासकार रामचंद्र गुहा की पुस्तक 'इंडिया आफ्टर गांधी' के हवाले से लिखा है कि 12 दिसंबर 1949 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं ने डॉ. अंबेडकर और पंडित जवाहरलाल नेहरू के पुतले जलाए थे। यह विरोध हिंदू कोड बिल के खिलाफ था, जो विवाह, उत्तराधिकार और महिलाओं के अधिकारों से जुड़े विषयों में सुधार लाने के उद्देश्य से लाया गया था। आरएसएस ने इस बिल का कड़ा विरोध किया था और इसे "हिंदू समाज पर परमाणु बम" तक कह दिया था।

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गुहा लिखते हैं, "11 दिसंबर 1949 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आरएसएस ने एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की, जहां वक्ताओं ने हिंदू कोड बिल की आलोचना की। अगले दिन आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने विधान भवन की ओर मार्च किया और 'हिंदू कोड बिल मुर्दाबाद' और 'पंडित नेहरू का नाश हो' के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नेहरू और डॉ. अंबेडकर के पुतले जलाए और शेख अब्दुल्ला की कार को भी नुकसान पहुंचाया।"

अब विपक्षी नेताओं के हालिया बयानों से यह विवाद और गहरा गया है। विपक्षी दलों ने अमित शाह के बयान की आलोचना करते हुए भाजपा पर अंबेडकर विरोधी होने का आरोप लगाया है। भाजपा ने अपने बयान में कहा है कि पार्टी बाबा साहेब का सम्मान करती है और उनके विचारों को आगे बढ़ा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने राज्यसभा में बाबा साहेब आंबेडकर पर दिए गए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर समाज में भ्रांति फैलाने की कोशिश की क्योंकि चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने संविधान निर्माता के बार-बार किए गए अपमानों पर विपक्षी पार्टी की पोल खोलकर रख दी थी।

शाह ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि वह सपने में भी संविधान निर्माता का अपमान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पहले भी भ्रम फैलाने और लोगों को गुमराह करने के लिए उनकी और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों को गलत तरीके से पेश किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वह अत्यंत निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं।’’

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