'इतिहास विकृत करने की कोशिश', झटके के बाद RSS चीफ के खिलाफ कांग्रेस के साथ आईं ममता बनर्जी
अब ममता ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के सुर में सुर मिलाया है। हाल ही में ममता ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के मुद्दे पर कांग्रेस को झटका देते हुए केजरीवाल और उनकी पार्टी का समर्थन किया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की इस टिप्पणी की बृहस्पतिवार को निंदा की कि सदियों तक पराधीनता झेलने वाले भारत को “सच्ची स्वतंत्रता” अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन ही मिली थी। ममता ने भागवत की टिप्पणी को “राष्ट्र-विरोधी” और “इतिहास को विकृत करने की कोशिश” करार दिया। कांग्रेस पहले ही संघ प्रमुख की टिप्पणी की आलोचना कर चुकी है और उनसे माफी मांगने की मांग कर चुकी है।
भागवत ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि सदियों से परचक्र (दुश्मन का आक्रमण) झेलने वाले भारत की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी। ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में संवाददाताओं से कहा, “यह एक राष्ट्र-विरोधी टिप्पणी है और मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। यह एक खतरनाक टिप्पणी है, इसे वापस लिया जाना चाहिए। मुझे नहीं पता कि उन्होंने यह बात इस देश के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में पूरी जानकारी होते हुए कही है या नहीं, लेकिन यह इतिहास को विकृत करने का प्रयास है।”
आजादी के लिए भारत के संघर्ष और इसे साकार करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र करते हुए ममता ने कहा, “15 अगस्त 1947 को एक संप्रभु देश की स्थापना हुई थी। क्या कोई संगठन हमारी आजादी के इतिहास को बदल या विकृत कर सकता है? हमें अपनी स्वतंत्रता, अपने गणतंत्र और अपने लोकतंत्र पर गर्व है। हमारी आजादी अमर रहे और हम उन जवानों को याद करते हैं, जो इसकी रक्षा करते हुए शहीद हो गए।”
उन्होंने कहा, “हमारे देश के इतिहास के कुछ हिस्सों को पहले ही तोड़ा-मरोड़ा जा चुका है और संविधान को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मुझे नहीं पता था कि एक दिन ऐसा भी आएगा, जब मुझे इस तरह की टिप्पणियां सुनने को मिलेंगी। हम भारत के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हैं। हम इस तरह की टिप्पणियां कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
अब ममता ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के सुर में सुर मिलाया है। अभी हाल ही में ममता बनर्जी और टीएमसी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के मुद्दे पर कांग्रेस को झटका देते हुए अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का समर्थन किया था।