ये तो बापू और संविधान का अपमान है, माफी मांगें मोहन भागवत; जयराम रमेश की मांग
सोमवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन ही सच्ची आजादी देखी।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी की निंदा की है, जिसमें भागवत ने कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के बाद ही भारत को "सच्ची आजादी" मिली है। कांग्रेस नेता ने संघ प्रमुख के इस बयान को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान का अपमान बताया और भागवत से माफी मांगने की मांग की। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए जयराम रमेश ने कहा, "मोहन भागवत कई विषयों पर बिना किसी मतलब के ऐसे बयान देते रहते हैं। उन्होंने जो कहा है, वह महात्मा गांधी और बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान है, यह उस पर हमला है। मोहन भागवत को इसके लिए निश्चित रूप से माफी मांगनी चाहिए। यह राष्ट्र विरोधी है।"
सोमवार को मोहन भागवत ने कहा था कि भारत ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन ही सच्ची आजादी देखी। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था, "हमारी 5000 साल पुरानी परंपरा क्या है? वह परंपरा जो भगवान राम, भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शिव से शुरू हुई। सदियों तक उत्पीड़न झेलने वाले भारत ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सच्ची आजादी देखी। भारत को आजादी तो 1947 में मिली थी, लेकिन इसकी स्थापना नहीं हो सकी थी।" भागवत ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी।
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की "स्वतंत्रता" पर टिप्पणी की निंदा की और कहा कि भागवत को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने देश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा, "मैं इस बयान की निंदा करता हूं क्योंकि उन्होंने देश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल...और उन सभी लोगों का अपमान किया जिन्होंने अपना जीवन स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी दावा किया कि भागवत ने स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान किया है। बघेल ने भागवत के बयान का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, "उनके बयान से स्पष्ट है कि वह संविधान को नहीं मानते। वह आजादी की लड़ाई का अपमान कर रहे हैं। मोहन भागवत के बयान से यह भी स्पष्ट है कि भाजपा और आरएसएस के लोग संविधान को बदलना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के "इंडियन स्टेट" वाले बयान की भाजपा के लोगों ने गलत व्याख्या की। बघेल के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 12 में स्पष्ट है कि "स्टेट" का मतलब सरकार और उसकी संस्थाएं हैं।