अचानक क्यों बंद हुआ था अमीन सयानी का बिनाका गीतमाला, इंदिरा के झगड़े पर अमित शाह का क्या दावा
- अमित शाह ने संसद में आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि बिनाका गीतमाला प्रोग्राम आता था। अचानक वो प्रोग्राम बंद हो गया, पता चला कि किशोर कुमार और इंदिरा गांधी का झगड़ा हो गया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक देश-एक चुनाव पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस सरकारों और नेताओं पर जमकर निशाना साधा। संविधान को तोड़ने मरोड़ने और उसके साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने संविधान को भी एक परिवार की जागीर बना दिया था जबकि भाजपा सरकारों ने संविधान की भावना के अनुरूप देश का सामाजिक और आर्थिक विकास किया है। शाह ने इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल में किसी को भी बिना किसी अपराध के जेल में डाल दिया गया। रेडियो पर देश का पहला संगीत कार्यक्रम बिनाका गीतमाला आता था। अचानक वो प्रोग्राम बंद हो गया, पता चला कि किशोर कुमार और इंदिरा गांधी का झगड़ा हो गया है।
अमित शाह ने संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर राज्यसभा में 21 घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को कहा कि यह चर्चा देश को संविधान की मूल भावना से तो अवगत करायेगी ही यह भी बतायेगी कि जब संविधान की भावनाओं को तोड़ मरोड़ कर कोई आगे बढता है तो उसकी किस प्रकार की दुर्दशा होती है। अमित शाह ने कांग्रेस और भाजपा कार्यकालों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 55 साल के शासन में 77 संशोधन किए, जबकि भाजपा ने 16 साल के शासन में 22 संशोधन किए।
जब अचानक बंद हो गया था बिनाका गीतमाला
शाह ने संविधान पर बहस के दौरान कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम बिनाका गीतमाला का हवाला दिया। शाह ने कहा, "मैं बिनाका गीतमाला सुनता था, लेकिन आपातकाल के दौरान अचानक यह बंद हो गया। मैंने अपने परिवार से इस बात पर बहस की कि अब यह कार्यक्रम क्यों नहीं आ रहा है। मेरे पड़ोसी ने मुझे बताया कि किशोर कुमार का इंदिरा गांधी से झगड़ा हो गया था, जिसके कारण इंदिरा गांधी ने उनके गीतों के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। नतीजतन, 19 महीनों तक जनता ने लता मंगेशकर और किशोर कुमार के युगल गीत सिर्फ़ लता जी की आवाज़ में सुने।
देश का पहला रेडियो संगीत काउंटडाउन
बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउनकार्यक्रम था। यह रेडियो पर रात 8 बजे से 9 बजे तक एक घंटे के लिए आता था। तब इस प्रोग्राम की देश में काफी लोकप्रियता थी। लाखों लोग प्रोग्राम को सुनते थे। लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित बिनाका गीतमाला का पहला कार्यक्रम सन् 1952 के अंतिम सप्ताह में प्रसारित हुआ था। अमीन सयानी इस कार्यक्रम के संचालक थे। वह उस वक्त देश के सबसे लोकप्रिय रेडियो जॉकी थे, उनकी प्रसिद्धी सिर्फ भारत ही नहीं एशिया भर में थी। इस कार्यक्रम में किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर जैसे दिग्गज संगीतकारों के गीत चलते थे।