हमसे क्यों नहीं पूछा? त्रिभाषा विवाद के बीच केंद्र के एक और कदम पर भड़के स्टालिन, PM से दखल की मांग
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में नीलामी योजना की खामियों का उल्लेख किया है और उन जोखिमों का हवाला देते हुए कहा है कि इससे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और लाखों मछुआरों की आजीविका प्रभावित होगी।

त्रिभाषा विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार के एक और कदम का सख्त विरोध किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बावत चिट्ठी लिखकर उनसे मामले में दखल देने की मांग की है। स्टालिन ने मन्नार की खाड़ी में तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण के लिए केंद्र सरकार की नीलामी अधिसूचना को तत्काल रद्द करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में नीलामी योजना की खामियों का उल्लेख किया है और उन जोखिमों का हवाला देते हुए कहा है कि इससे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और लाखों मछुआरों की आजीविका प्रभावित होगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चिट्ठी साझा करते हुए स्टालिन ने लिखा, "माननीय प्रधानमंत्री थिरु @नरेंद्र मोदी, मन्नार की खाड़ी के बायोस्फीयर रिजर्व में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की खोज के लिए भारत सरकार की नीलामी अधिसूचना एक नाजुक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और लाखों मछुआरों की आजीविका को खतरे में डालती है।"
उन्होंने आगे लिखा, “गंभीर पारिस्थितिक और सामाजिक-आर्थिक निहितार्थों के बावजूद, निविदा अधिसूचना जारी करने के निर्णय से पहले तमिलनाडु सरकार से परामर्श नहीं किया गया। मैं आपसे इस नीलामी अधिसूचना को रद्द करने और हमारी समुद्री विरासत और तटीय समुदायों की रक्षा करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं।”
स्टालिन ने अपनी चिट्ठी में चेतावनी भी दी कि समुद्री निक्षेप, जहरीले अपशिष्ट और जीव-जंतुओं के आवास के विनाश गंभीर खतरे पैदा करते हैं, जिससे मन्नार की खीड़ी पर निर्भर लाखों मछुआरों की आजीविका प्रभावित हो सकती हैं। उन्होंने कहा है कि मन्नार की खाड़ी में इस तरह के अन्वेषण तटीय इको सिस्टम को खतरे में डाल सकता है और इससे समुद्र किनारे बसे समुदायों में व्यापक चिंता पैदा हो सकती है।
कहां है मन्नार की खाड़ी
तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच स्थित मन्नार की खाड़ी एक उथले पानी की खाड़ी है, जो हिन्द महासागर में लक्षद्वीप सागर के एक भाग का निर्माण करती है। यह खाड़ी भारत के दक्षिण-पूर्व सिरे और श्रीलंका के पश्चिमी तट के बीच है। भारत के रामेश्वरम द्वीप से लेकर श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक चूना पत्थर से बने द्वीपों की रामसेतु नामक एक शृंखला, इस खाड़ी को पाक जलडमरूमध्य से अलग करती है। दक्षिण भारत की तमिरबरणि नदी और श्रीलंका की अरुवी अरु नदी इसी खाड़ी में गिरती हैं।