Hindi Newsदेश न्यूज़After Assam Himanta sarma Odisha planning to enact law over complete ban on cow slaughter

हिमंता सरमा के बाद गौहत्या पर यहां भी ऐक्शन, पूर्ण प्रतिबंध की तैयारी में भाजपा सरकार

  • असम में हिमंता सरमा की सरकार ने गोमांस की खपत पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसका असर दूसरे राज्यों पर भी दिखाई दे रहा है।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, देवब्रत मोहंती, भुवनेश्वरFri, 6 Dec 2024 10:03 AM
share Share
Follow Us on

असम में हिमंता सरमा की सरकार ने गोमांस की खपत पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसका असर दूसरे राज्यों पर भी दिखाई दे रहा है। अब ओडिशा की सरकार ने कहा है कि वह भी अपने प्रदेश में इसी तरह का कानून लागू करने पर विचार कर रही है। इसके तहत गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहाकि सरकार गायों के संरक्षण और उनकी जनसंख्या बढ़ाने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाएगी। उन्होंने कहाकि गौहत्या पर सरकार का स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट है। अब हम इसको लेकर कानून लाने पर विचार कर रहे हैं।

कानून मंत्री ने कहाकि इस विधानसभा सत्र में कुछ प्राइवेट बिल लाए जाएंगे। इनमें से एक गौहत्या पर प्रतिबंध के संबंध में हो सकता है। ओडिशा के पशुपालन मंत्री गोकुलानंद मलिक ने कहाकि राज्य सरकार गायों के संरक्षण के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहाकि अगर हमें गोमांश से संबंधित किसी घटना के बारे में पता चलता है तो हम निश्चित तौर पर कड़ा ऐक्शन लेंगे। ओडिशा गोहत्या रोकथाम अधिनियम, 1960 के तहत, गायों की हत्या पूरी तरह से प्रतिबंधित है। गायों (बछिया या बछड़ा) की हत्या एक संज्ञेय अपराध है। इसमें अधिकतम 2 साल तक कारावास या 1,000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। हालांकि सांड़ या बैल के मामलों में कुछ खास प्रावधान हैं और उपयुक्त प्रमाण-पत्र देने पर उनके वध की अनुमति है।

तीन साल पहले, भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से ओडिशा गौहत्या अधिनियम को हत्या की तरह सख्त बनाने का आग्रह किया था। राज्य पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पिछले चार साल में प्रदेश में मवेशियों की तस्करी के साथ-साथ गोमांस तस्करी की 200 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह ओडिशा गौहत्या रोकथाम अधिनियम, 1960, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, पशु परिवहन नियम, 1978 और जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (केस प्रॉपर्टी जानवरों की देखभाल और रखरखाव) नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं।

गृह विभाग के सूत्रों ने कहाकि राज्य में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक संघर्ष की बढ़ती घटनाएं ज्यादातर मवेशियों की तस्करी और गोहत्या को लेकर हैं। इस साल जून में, तटीय ओडिशा के बालासोर शहर में कर्फ्यू लगाया गया था। यहां अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक उत्सव के दौरान गौहत्या के आरोपों पर सांप्रदायिक हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई थीं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 4 साल में, राज्य भर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष के 230 से अधिक मामले सामने आए हैं। इनमें से कई मामले मवेशियों की तस्करी या गौहत्या से शुरू हुए थे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें