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बजट में 21 लाख नए रोजगार की भी बात, जानें किस सेक्टर में कितनी नौकरी

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि 61 लाख से अधिक कारीगर, जिनमें महिलाएं और एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों के लोग शामिल हैं, आत्म-रोजगार प्राप्त करें।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSun, 2 Feb 2025 09:16 AM
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बजट में 21 लाख नए रोजगार की भी बात, जानें किस सेक्टर में कितनी नौकरी

केंद्र सरकार ने 2025-26 के बजट में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत 21 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा है। ये नौकरियां मछली पालन, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण जैसे क्षेत्रों में उत्पन्न होंगी। आपको बता दें कि यह आंकड़ा पिछले साल जुलाई में प्रस्तुत किए गए बजट के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक है।

कॉर्पोरेट मंत्रालय प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है, जिसका उद्देश्य 2024-25 में 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान करना है। इसके लिए 840 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। अब तक कंपनियों द्वारा 1.27 लाख इंटर्नशिप अवसर पोस्ट किए गए हैं और इसके लिए लगभग 6.21 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि 61 लाख से अधिक कारीगर, जिनमें महिलाएं और एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों के लोग शामिल हैं, आत्म-रोजगार प्राप्त करें।

बजट दस्तावेज के अनुसार, सबसे अधिक रोजगार सृजन का लक्ष्य प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए है, जिसका उद्देश्य 11 लाख लोगों को रोजगार देना है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य 2024-25 में भी ठीक यही था।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) इस सूची में दूसरे नंबर पर है, जिसका उद्देश्य 5.8 लाख रोजगार अवसर उत्पन्न करना है। अगस्त 2008 में लॉन्च किया गया यह कार्यक्रम एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना है, जिसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा संचालित किया जाता है।

वस्त्र उद्योग के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत बजट में 35,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा गया है। संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना (M-SIPS) के तहत सरकार 30,000 रोजगार उत्पन्न करने का लक्ष्य रख रही है। यह योजना 2012 में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिज़ाइन और निर्माण (ESDM) उद्योगों में निवेश आकर्षित करने और विकलांगता को दूर करने के लिए शुरू की गई थी।

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