Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Why Sharad Pawar waited an hour and half for Chhagan Bhujbal in pune maharashtra politics

कागज की पर्ची, फिर बिखरी मुस्कान; छगन भुजबल का डेढ़ घंटे तक इंतजार क्यों करते रहे शरद पवार

शाम 5:45 बजे शरद पवार और छगन भुजबल दोनों मंच पर पहुंचे और प्रतिमा का अनावरण किया। इससे पहले शरद पवार को वहां करीब डेढ़ घंटे तक छगन भुजबल का इंतजार करना पड़ा।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, पुणेFri, 3 Jan 2025 09:12 PM
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महाराष्ट्र की नई कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे अजीत पवार गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता छगन भुजबल ने आज (शुक्रवार, 03 जनवरी को) पुणे में एक कार्यक्रम में एनसीपी संस्थापक और वरिष्ठ नेता शरद पवार के साथ मंच साझा किया। दरअसल, महान शिक्षाविद और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती के अवसर पर पुणे के चाकन बाजार समिति में महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा का अनावरण समारोह आयोजित किया गया था। इस मौके पर शरद पवार और पूर्व मंत्री छगन भुजबल दोनों खास मेहमान थे।

शाम 5:45 बजे शरद पवार और छगन भुजबल दोनों मंच पर पहुंचे और प्रतिमा का अनावरण किया। इससे पहले शरद पवार को वहां करीब डेढ़ घंटे तक छगन भुजबल का इंतजार करना पड़ा। जब भुजबल निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे की देरी से पहुंचे तो वह शरद पवार की तरफ नहीं देख पा रहे थे। इसी दौरान शरद पवार ने छगन भुजबल को कागज की एक पर्ची पर एक लिखित संदेश दिया, जिसके बाद उनके बीच कुछ सेकेंड तक बातचीत हुई फिर दोनों नेता एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने की। अनावरण के बाद दोनों नेता मंच पर अगल बगल बैठे थे। इस दौरान दोनों के बीच रह-रहकर बातचीत भी हुई। फिर पवार ने भुजबल के हाथ से ट्रैक्ट छीन लिया और अपने हाथ से ट्रैक्ट थमा दिया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच बातचीत होने लगी। इस नजारे पर महाराष्ट्र की सियासत में खुसर-फुसर शुरु हो गई है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा का दौर जारी है।

इस मौके पर छगन भुजबल ने कहा, ''पवार साहेब से मेरी चर्चा हुई है। कई लोग कहते हैं कि फूले को भारत रत्न दिया जाना चाहिए। मैंने साहेब से पूछा, महात्मा बड़े हैं या भारत रत्न बड़े हैं? मूलतः कितने महात्मा और भारत रत्न हैं? अरे महात्मा गांधी ने कहा था कि ज्योतिबा फुले असली महात्मा हैं। जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज हैं, उनके महात्मा कहने से सब कुछ आ गया।"

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उधर, एक अन्य कार्यक्रम में छगन भुजबल मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ सतारा में भी थे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले द्वारा दिखाए गए समानता के मार्ग पर चलेगी। ज्योतिराव फुले ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी, समानता की वकालत की और वंचित समुदायों के सशक्तीकरण के लिए काम किया। उन्हें और सावित्रीबाई फुले को भारत में महिला शिक्षा का अग्रदूत माना जाता है।

आधुनिक भारत की पहली शिक्षिका मानी जाने वाली सावित्रीबाई फुले की जयंती पर पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में उनके जन्मस्थान नायगांव में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ छगन भुजबल और राज्य मंत्री अतुल सावे भी मौजूद थे।

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