Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़One more death due to Guillain Barre Syndrome in Maharashtra, 4 deaths so far total number of cases reached at 140

महाराष्ट्र में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ से एक और मौत, अब तक 4 की गई जान; कुल मामले 140

आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पुणे से 26 मरीज हैं जबकि पीएमसी क्षेत्र में शामिल किए गए नए गांवों से 78 लोग हैं, 15 पिंपरी चिंचवाड़ से हैं, 10 पुणे ग्रामीण से हैं और 11 अन्य जिलों से हैं।

Pramod Praveen भाषा, पुणेFri, 31 Jan 2025 09:48 PM
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महाराष्ट्र में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ से एक और मौत, अब तक 4 की गई जान; कुल मामले 140

महाराष्ट्र में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (GBS) के कारण मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर चार हो गई है, जबकि राज्य में अब तक 140 मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुणे से सटे पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम क्षेत्र के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में ‘‘निमोनिया के कारण श्वसन तंत्र में प्रभाव पड़ने’’ से 36 वर्षीय एक व्यक्ति की बृहस्पतिवार को मौत हो गई थी। पुणे के सिंहगढ़ रोड के धायरी इलाके के रहने वाले 60 वर्षीय व्यक्ति (चौथा संदिग्ध) की शुक्रवार को मौत हुई।

पुणे नगर निगम (पीएमसी) के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पीड़ित को दस्त और कमजोरी के कारण 27 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अब तक 140 संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें से 98 में जीबीएस की पुष्टि हो चुकी है।

आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘पुणे से 26 मरीज हैं जबकि पीएमसी क्षेत्र में शामिल किए गए नए गांवों से 78 लोग हैं, 15 पिंपरी चिंचवाड़ से हैं, 10 पुणे ग्रामीण से हैं और 11 अन्य जिलों से हैं।’’ महाराष्ट्र में शुक्रवार को जीबीएस का कोई नया मामला सामने नहीं आया। राज्य में सामने आए अधिकांश मामले पुणे और आसपास के इलाकों से हैं।

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पुणे शहर के विभिन्न भागों से पानी के कुल 160 नमूनों को रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला भेजा गया, जिसमें से आठ जल स्रोतों के नमूने दूषित पाए गए। जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं। माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला ‘बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ इस प्रकोप का कारण है।

वहीं, झारखंड सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में सामने आ रहे जीबीएस के मामलों के लेकर वह सतर्क है और राज्य में इसके प्रकोप से निपटने के लिए उपाय कर रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य के शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान रिम्स और अन्य अस्पताल इस बीमारी से निपटने के लिए तैयार रहें।

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