हम वीडियो बनाकर पोस्ट नहीं करते, बैग चेकिंग को लेकर शिंदे का उद्धव पर तंज
- एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि देवेंद्र फडणवीस, नितिन गडकरी और अजित पवार के बैग भी चेक किए गए हैं और यह चुनाव आयोग या ड्यूटी पर लगे अधिकारियों का काम है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बैग चेकिंग मामला इन दिनों चुनावी राज्य में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हालांकि, उन्होंने इसे केवल चुनाव के दौरान नियमित प्रक्रिया बताते हुए इसे सोशल मीडिया पर मुद्दा बनाने की जरूरत पर सवाल उठाया। शिंदे ने कहा, "मेरे बैग की चेकिंग लोकसभा चुनाव के समय भी हुई थी और इस बार भी हो रही है। चुनाव अधिकारी जहां भी जाते हैं, बैग चेक करते हैं। इसमें कोई हर्ज नहीं है और न ही इससे डरने की कोई बात है।"
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भी बैग चेक किए गए। इसको लेकर ठाकरे ने "चयनात्मक" होने के आरोप लगाए। हालांकि सत्ता पक्ष ने दावा किया कि उनके नेताओं के साथ भी समान व्यवहार होता है। एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि देवेंद्र फडणवीस, नितिन गडकरी और अजित पवार के बैग भी चेक किए गए हैं और यह चुनाव आयोग या ड्यूटी पर लगे अधिकारियों का काम है।
एनडीटीवी के साथ बातचीत में शिंदे ने कहा, "वे (चुनाव अधिकारी) आते हैं और बैग की जांच करते हैं। अब नितिन गडकरी, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बैग की जांच की गई। तो क्या हुआ? यह चुनाव आयोग या जो भी चुनाव ड्यूटी पर है उसका काम है। तो फिर हंगामा क्यों और डर क्यों? हम वीडियो बनाकर पोस्ट नहीं करते। वे अपना काम कर रहे हैं, हम अपना काम कर रहे हैं।"
आज सुबह, भाजपा की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बैग की चेकिंग होती दिखाई दी। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया, "कुछ नेताओं को ड्रामा करने की आदत होती है।" वहीं, उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी अपने बैग चेकिंग का वीडियो शेयर किया।
उद्धव ठाकरे के बैग की सोमवार और मंगलवार को यवतमाल और लातूर में दो बार चेकिंग हुई थी। इस पर उनके दल ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बैग भी चेक किए जाते हैं? सत्ता पक्ष ने उद्धव ठाकरे की संवेदनशीलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें कुछ छिपाने की जरूरत नहीं है तो बैग चेक होने से परेशानी क्यों है।