हारते-हारते बचे भतीजे की अजित पवार ने ले ली चुटकी, चलो- अब काका का आशीर्वाद लो
- अजित पवार की मुलाकात भतीजे रोहित पवार से हो गई, जो शरद पवार के खेमे के विधायक हैं। इस दौरान अजित पवार ने रोहित पवार की पीठ ठोकी और कहा कि बच गया तू। इस पर रोहित पवार ने हाथ जोड़ लिए तो अजित पवार ने पैरों की ओर इशारा किया। फिर रोहित पवार ने पैर छूकर अजित पवार का आशीर्वाद लिया।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और अब चुनाव प्रचार के दौरान दिखी कड़वाहट भी दूर होने लगी है। सोमवार को महाराष्ट्र के पहले सीएम वसंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने गए अजित पवार की मुलाकात भतीजे रोहित पवार से हो गई, जो शरद पवार के खेमे के विधायक हैं। इस दौरान अजित पवार ने रोहित पवार की पीठ ठोकी और कहा कि बच गया तू। इस पर रोहित पवार ने हाथ जोड़ लिए तो अजित पवार ने पैरों की ओर इशारा किया। फिर रोहित पवार ने पैर छूकर अजित पवार का आशीर्वाद लिया।
अजित पवार ने कहा कि कम अंतर से बच गए। अच्छा हुआ कि वहां मेरी रैली नहीं हुई और ऐसा होता तो कुछ भी हो सकता था। इसके बाद दोनों मुस्कुराए और गले मिलकर आगे बढ़ गए। रोहित पवार करजात जमखेद विधानसभा सीट से उतरे थे और जीतने वाले शरद पवार खेमे के 10 विधायकों में शामिल रहे हैं। चाचा अजित पवार की टिप्पणी के बारे में रोहित पवार से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह मेरे लिए पिता के जैसे हैं। अजित पवार ने मेरी 2019 के चुनाव में भी मदद की थी। वह इस बार बारामती के चुनाव में बिजी थे, इसलिए रैली करने नहीं आए। मैंने बारामती से उनकी जीत पर बधाई दी है। दरअसल रोहित पवार की जीत का अंतर इस सीट पर सिर्फ 1243 वोटों का रहा है, जबकि भाजपा के प्रोफेसर राम शंकर शिंदे दूसरे नंबर पर रहे।
दोनों की मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र इलेक्शन रिजल्ट महाविकास अघाड़ी के लिए करारे झटके की तरह है। महायुति को 235 सीटें मिली हैं और महाराष्ट्र चुनाव में बीते कई दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी दल या गठबंधन को इतना बड़ा समर्थन मिला है। महा विकास अघाड़ी को तो गहरी निराशा हाथ लगी है। शरद पवार गुट 10 सीटें जीत सका, जबकि कांग्रेस के खाते में भी 16 सीटें ही आईं। उद्धव सेना भी 20 विधायकों से ही संतोष कर रही है। अब तीनों ही दलों का कहना है कि वे मंथन करेंगे और इसके लिए सोमवार को भी सबने मीटिंग बुलाई है।
बता दें कि अजित पवार और रोहित पवार के रिश्तों को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। कहा जाता है कि अजित पवार पर नियंत्रण करने के लिए ही शरद पवार ने रोहित और अजित के सगे भतीजे युगेंद्र पवार को आगे बढ़ाया है। युगेंद्र पवार तो इस बार बारामती सीट से अजित पवार के मुकाबले चुनाव में भी उतरे थे, लेकिन बड़े अंतर से हार गए।