नींद की खराब आदतें बच्चों में मोटापा बढ़ाने के अलावा दिमाग की संरचना भी बदल रहीं Bad Sleeping habits Increasing obesity and brain development problems in children, हेल्थ टिप्स - Hindustan
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नींद की खराब आदतें बच्चों में मोटापा बढ़ाने के अलावा दिमाग की संरचना भी बदल रहीं

नींद की खराब आदतें एक नया और गंभीर खतरा बनकर उभरी हैं। पर्याप्त और अच्छी नींद न ले पाना भी बच्चों में मोटापे और मस्तिष्क विकास से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा रहा है। जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ।

Avantika Jain लाइव हिन्दुस्तानTue, 17 June 2025 12:31 PM
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नींद की खराब आदतें बच्चों में मोटापा बढ़ाने के अलावा दिमाग की संरचना भी बदल रहीं

देश में बच्चों में मोटापे की दर लगातार बढ़ रही है और अब इसके साथ नींद की खराब आदतें एक नया और गंभीर खतरा बनकर उभरी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि केवल खराब खानपान और कम शारीरिक गतिविधि ही नहीं, बल्कि पर्याप्त और अच्छी नींद न ले पाना भी बच्चों में मोटापे और मस्तिष्क विकास से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा रहा है। एम्स के न्यूरो बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. बिस्वरूप ने दुनिया के कई देशों में हुए बच्चों में नींद, मोटापा और मस्तिष्क संरचना के संबंध पर आधारित वैश्विक अध्ययनों के विश्लेषण पर एक एडिटोरियल कमेंट्री प्रकाशित की है। इंडियन पीडियाट्रिक जर्नल में प्रकाशित इस एडिटोरियल कमेंट्री में शामिल अध्ययनों में यह सामने आया है कि खराब नींद का संबंध मस्तिष्क के विशेष हिस्सों के वॉल्यूम और आकार में बदलाव से है।

ताजा आंकड़े बताते हैं कि भारत सहित कई देशों में बच्चों में मोटापे की दर 18% तक पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हर तीन में से एक बच्चा या किशोर पर्याप्त नींद नहीं ले रहा, और जो नींद ले रहे हैं, उनकी नींद की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। यह स्थिति मोटापे को बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों की मानसिक क्षमताओं और व्यवहार पर भी असर डाल रही है।

विशेषज्ञों ने चेताया है कि नींद की गड़बड़ी से बच्चों के हार्मोनल संतुलन पर असर पड़ता है, जिससे लेप्टिन और घ्रेलिन जैसे भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन अनियमित हो जाते हैं। इसके चलते बच्चे ज्यादा खाते हैं और निष्क्रिय रहते हैं, जिससे मोटापा बढ़ता है।

प्रो. बिस्वरूप ने बताया कि अनिद्रा से हिप्पोकैम्पस और फ्रंटल ग्रे मैटर की मात्रा में कमी आती है। वहीं, स्लीप एपनिया से मस्तिष्क के कई क्षेत्रों में ग्रे मैटर की मात्रा घट जाती है।

मोटे बच्चों के मस्तिष्क में विशेष रूप से पैलेडम और पुटामेन नामक भागों में नींद की गड़बड़ी से बदलाव देखा गया है। ये हिस्से नींद, भूख और तृप्ति जैसे कार्यों को नियंत्रित करते हैं। डॉक्टरों का सुझाव है कि मोटे बच्चों में नींद विकारों की गहराई से जांच के लिए पॉलीसोमनोग्राफी जैसी उन्नत तकनीकों का प्रयोग किया जाए, जिससे इन समस्याओं के इलाज की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।

सोर्स: हेमवती नंदन राजौरा

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