मेट्रो में नहीं मिलती सीट तो ट्राई करें ये 5 जुगाड़ू हैक्स, मजे से बैठकर कटेगा सफर
Hacks to get seat in Metro: अगर आप भी रोजाना मेट्रो से सफर करते हैं और भीड़ की वजह से आपको सीट भी नहीं मिलती, तो ये मजेदार हैक्स आपको जरूर जान लेने चाहिए।

रोजाना की ट्रैवलिंग को आसान और सहूलियत भरा बनाने में मेट्रो की बड़ी अहम भूमिका रही है। साफ सुरक्षित स्टेशन, समय पर पहुंचने की गारंटी और एसी की सुविधा; मेट्रो को किन्हीं भी अन्य साधनों से बेहतर बनाती हैं। अब मेट्रो इतनी बेहतर है तो जाहिर है भीड़ भी होगी ही। खासतौर से अगर ऑफिस टाइमिंग पर मेट्रो लेने की सोच रहे हैं, तब तो भारी भीड़ के लिए तैयार हो जाएं। अब ऐसे में सीट मिलना तो लगभग नामुमकिन ही है। परेशानी तब आती है जब आप थके-हारे हों और आराम से सीट पर टिक कर सफर तय करना चाहते हों या फिर आपकी मंजिल कहीं दूर की हो। ऐसी ही सिचुएशन के लिए हम लाएं हैं कुछ कमाल के हैक्स। जी हां, इन छोटी-छोटी बातों को अगर आप गांठ बांध लें तो यकीनन आपका सफर मेट्रो की सीट पर बैठकर ही गुजरेगा।
सही कोच को टार्गेट करें
आपने भी कभी नोटिस किया होगा कि ज्यादातर लोग मेट्रो के बीच वाले कोच में चढ़ते हैं। इसलिए ज्यादा भीड़ इन्हीं बीच वाले डब्बों में होती है। जबकि शुरुआती और लास्ट के कोच अक्सर खाली या कम भीड़भाड़ वाले रहते हैं। ऐसे में आप इन्हीं डब्बों को टार्गेट कर सकते हैं, यहां सीट मिलने के चांस डबल हो जाते हैं। इसके अलावा जब मेट्रो आती है तो अंदर से ही अंदाजा हो जाता है कि कहां सीट ज्यादा खाली है, आप उस हिसाब से भी सही कोच चुन सकते हैं।
सही जगह खड़े होने से बनेगी बात
मेट्रो में सीट खाली नहीं है तो सही जगह खड़े होने से आपकी बात बन सकती है। अब कौन-कब उतरने वाला है इसका पता लगाना तो मुश्किल है। लेकिन फिर भी लोगों की बॉडी लैंग्वेज देखकर थोड़ा सा अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है। जैसे ज्यादातर लोग उतरने से पहले अपना बैग ठीक करने लगते हैं, कोई अपने कपड़े ठीक करने लगता है या कोई उठने की तैयारी करने लगता है। आप ऐसे लोगों को नोटिस कर सकते हैं और उनके आस-पास जा कर खड़े हो सकते हैं।
थोड़ी इधर-उधर कर लो टाइमिंग
अगर रास्ता लंबा है और सफर आरामदायक बनाना है तो अपनी टाइमिंग को स्मार्टली मैनेज कर सकते हैं। ऐसे में हो सकता है तो पीक आवर्स पर ट्रैवलिंग करना अवॉइड करें। आप दस मिनट पहले या दस मिनट बाद की मेट्रो ले सकते हैं। सुबह 9 से ले कर 9:10 के बीच तो खड़े होने की भी जगह नहीं मिलने वाली। ऐसे में आप या तो थोड़ा जल्दी मेट्रो ले लें या बाद में। अब अगर आपको अंदाजा हो गया है कि इस मेट्रो के बाद वाली में कम भीड़ होगी, तो थोड़ा सा वेट कर लें और आरामदायक सफर का मजा लें।
हर स्टेशन का पैटर्न पकड़ें
अगर रोज सेम रूट से ट्रैवल कर रहे हैं तो आपको रास्ते में पड़ने वाले हर स्टेशन का पैटर्न पकड़ना चाहिए। ऐसे कई स्टेशन होते हैं जहां से ढेर से भीड़ चढ़ती है तो वहीं कुछ स्टेशन ऐसे भी होते हैं, जहां ढेर सारे लोग उतर भी जाते हैं। ऐसे स्टेशंस को पहचानें और पहले से ही तैयारी कर के रख लें। इससे आपको सीट मिलने के चांस बढ़ जाएंगे।
बनाओ अपने मेट्रो फ्रेंड
मेट्रो में रोज ट्रैवल करने वाले लोगों में जान-पहचान हो जाना बड़ा कॉमन है। ऐसे में आप भी अपने मेट्रो फ्रेंड बना सकते हैं। ये मेट्रो फ्रेंड आपको सीट दिलाने में बड़ी मदद कर सकते हैं। अगर वो आपसे पहले उतरते हैं, तो आपको अपनी सीट ऑफर कर सकते हैं वरना इशारे से आपको सीट मिलने पर बैठने का सिग्नल दे सकते हैं। दिल्ली और मुंबई जैसी मेट्रो सिटीज में ऐसी साइलेंट दोस्ती बड़ी काम आती है।
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