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झारखंड : 62 लाख बच्चों को पढ़ाने के लिए चलेगा विशेष अभियान

झारखंड के 62 लाख छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलेगा। राज्य सरकार 31 मार्च तक सेतु गाइड विशेष शिक्षण कार्यक्रम के जरिए इन छात्र-छात्राओं को पढ़ाएगी। ये वैसे बच्चे हैं जो स्कूल से...

Shivendra Singh हिन्दुस्तान ब्यूरो, रांची Mon, 1 March 2021 10:43 AM
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झारखंड के 62 लाख छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलेगा। राज्य सरकार 31 मार्च तक सेतु गाइड विशेष शिक्षण कार्यक्रम के जरिए इन छात्र-छात्राओं को पढ़ाएगी। ये वैसे बच्चे हैं जो स्कूल से ड्रॉपआउट हैं साथ ही सरकार और स्कूल की ओर से उपलब्ध कराए गए डिजिटल कंटेंट व ऑनलाइन क्लास से भी महरूम हैं। इनमें से 60,444 बच्चे  सीधे ड्रॉपआउट हैं जबकि 61 लाख बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

इस कार्यक्रम में छह से 14 वर्ष के वैसे सभी बच्चों को जिन्हें किसी भी माध्यम से शिक्षा नहीं मिल पा रही है उन्हें भी जोड़ा जाएगा। सभी स्कूलों के पोषक क्षेत्र में ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाएगा। साथ ही, इनके लिए विशेष सेतु गाइड केंद्र का गठन किया जाएगा। इन केंद्रों में पांच से 10 बच्चों को टैग किया जाएगा। बच्चों को रिसोर्स शिक्षक ही सेतु गाइड के रूप में पढ़ाएंगे। जब तक स्कूल (सातवीं तक) नहीं खुलते हैं, तब तक रिसोर्ट शिक्षक सुबह आठ बजे से 11 और शाम तीन से चार बजे तक पढ़ाएंगे। वहीं, स्कूल खुलने के बाद इन बच्चों की पढ़ाई सुबह सात बजे से नौ बजे तक और शाम चार से छह बजे तक हो सकेगी।  

आज से अभियान शुरू
सभी स्कूलों के पोषक क्षेत्र में सेतु गाइड विशेष शिक्षण कार्यक्रम आज से ही शुरू हो गया है। इसके लिए सेतु गाइड का चयन कर लिया गया है। इसमें ज्ञान सेतु कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराए गए कंटेंट के आधार पर बच्चों को पढ़ाया जाएगा। बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार लर्निंग आउटकम बढ़ाने के लिए किताबों से भी जानकारी दी जाएगी। बच्चों की उपस्थिति के लिए रजिस्टर रखना होगा। हर दिन किसी एक बच्चे के अभिभावक या सप्ताह में एक दिन केंद्र के चलने की पुष्टि वे करेंगे। 

सेतु गाइड हाउस से होगी मॉनिटरिंग
इस अभियान की सेतु गाइडहाउस से मॉनिटरिंग की जाएगी। प्रखंड स्तर की सभी चयनित केंद्रों का टैगिंग प्रखंड साधन सेवी और संकुल साधन सेवी के साथ किया जाएगा। वह हर दिन इन केंद्रों की मॉनिटरिंग करेंगे। साथ ही स्कूल के सभी शिक्षक के द्वारा आवश्यक रूप से दो बार इन केंद्रों में जाकर शिक्षण कार्य किया जाएगा। इसके लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक गाइडहाउस के साथ सभी शिक्षकों की टैगिंग और रोस्टर तैयार करेंगे।

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