झारखंड : मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के प्रश्नों का बदलेगा प्रारूप, जानें क्या होगा पैटर्न
अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के प्रश्नों का स्वरूप बदलेगा। ऑब्जेक्टिव छोड़ सभी तरह के सब्जेक्टिव प्रश्न के विकल्प होंगे। हर सब्जेक्टिव प्रश्न का जवाब देने...
अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाली मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के प्रश्नों का स्वरूप बदलेगा। ऑब्जेक्टिव छोड़ सभी तरह के सब्जेक्टिव प्रश्न के विकल्प होंगे। हर सब्जेक्टिव प्रश्न का जवाब देने के लिए छात्र-छात्राओं के पास दो सवाल के ऑप्शन होंगे। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। संशोधित सिलेबस जारी होने के बाद मॉडल पेपर में इसका जिक्र रहेगा, जिससे परीक्षार्थियों को सहूलियत होगी।
वर्तमान में सभी तरह के सब्जेक्टिव प्रश्नों में विकल्प नहीं होते हैं। कुछ प्रश्नों में ही विकल्प दिए जाते हैं, जिसमें से एक को परीक्षार्थियों को बनाना होता है। कोरोना की वजह से लॉकडाउन और स्कूलों के बंद रहने पर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हुई है। सरकार सभी बच्चों को डिजिटल कंटेंट उपलब्ध नहीं करा पा रही है। ऐसे में सिलेबस को छोटा किया जा रहा है। मैट्रिक और इंटर का सिलेबस अन्य क्लास की अपेक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसलिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सिलेबस को ज्यादा छोटा करने की बजाय प्रश्नों का विकल्प ज्यादा देने का मन बनाया है। सभी विषयों की किताबों में से कुछ कम महत्वपूर्ण वाले चैप्टर को हटाया जाएगा और इसकी जानकारी संशोधित सिलेबस के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई जाएगी। जो भी चैप्टर संशोधित सिलेबस में रहेंगे उन सभी से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रश्न पूछे जा सकेंगे। अगर पुस्तक में चैप्टर ज्यादा हैं और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या कम है तो एक प्रश्न में विकल्प के साथ दो चैप्टर के सवाल पूछे जा सकेंगे? इससे छात्र-छात्राओं को परेशानी नहीं होगी और स्कूल बंद रहने की वजह से बाधित हुई पढ़ाई का असर भी कम होगा।
संशोधित सिलेबस पर होगा फैसला : पहली से 12वीं क्लास के संशोधित सिलेबस और संशोधित एकेडमिक कैलेंडर पर इसी सप्ताह अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। अगले एक-दो दिनों में इस पर बैठक आयोजित कर अंतिम सहमति बनाई जाएगी और उसे जारी किया जाएगा।