झारखंड सरकार ने अभिभावकों से पूछा-स्कूल खोले जाएं तो बच्चों को भेजेंगे
राज्य के हाई और प्लस टू स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से स्कूल खोलने को लेकर राज्य सरकार ने एक बार फिर से सुझाव मांगे हैं। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने अभिभावकों से पूछा है...
राज्य के हाई और प्लस टू स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से स्कूल खोलने को लेकर राज्य सरकार ने एक बार फिर से सुझाव मांगे हैं। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने अभिभावकों से पूछा है कि अगर दिशा निर्देशों के अनुसार स्कूल खोला जाए तो क्या वे अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे। इसके लिए ई-विद्या वाहिनी डॉट एनआईसी डॉट इन (evidyavahini.nic.in) पर अभिभावक 31 अगस्त तक अपने सुझाव दे सकते हैं। इसमें सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं के अभिभावक ऑनलाइन अपनी राय दे सकेंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से मांगे गए सुझाव में अभिभावकों से पूछा गया है कि वे सितंबर, अक्तूबर, नवंबर या दिसंबर से स्कूल खोलने के पक्ष में हैं या फिर 21 दिनों तक जिला में कोई नया कोरोना संक्रमित की पहचान नहीं होने पर। इसी तरह 21 दिन में राज्य या देश में कोरोना का मामला नहीं आने पर स्कूल खोलना चाहते हैं या कोरोना वैक्सीन आने पर या फिर सरकार के निर्णय के साथ हैं। इस बार अभिभावकों से ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित भी सुझाव मांगे गए हैं। इसमें बच्चों के पास कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, इंटरनेट, टेलीविजन इसमें दूरदर्शन, डीटीएच है नहीं, लगातार बिजली या यह सब नहीं है, इसकी जानकारी देनी है। इसके अलावा स्कूल और शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन कंटेंट भेज रहे हैं या नहीं। जो कंटेंट मिल रहे हैं, उससे बच्चों को फायदा हो रहा है या नहीं। इसकी भी जानकारी देनी होगी। साथ ही, ऑनलाइन डिजिटल कंटेंट में सुधार के लिए और डिस्टेंस लर्निंग के सुधार के लिए भी सुझाव देने होंगे। इसके साथ-साथ अभिभावकों से पाठ्यक्रम कम करने, बच्चों की नियमित अंतराल में कोविड-19 की जांच करने, वैसे बच्चे जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं, उन्हें कुछ विशेष एहतियात देने के लिए भी सुझाव मांगे हैं। शिक्षा विभाग के फीडबैक फॉर्म में माता, पिता, अभिभावकों का नाम, मोबाइल नंबर, जिला का नाम, ईमेल, बच्चे की क्लास, किस प्रकार के स्कूल में पढ़ता है, स्कूल का नाम, विद्यालय का स्थान भी भरना होगा। इसमें नगर निगम क्षेत्र, प्रखंड मुख्यालय, ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के विकल्प दिए गए हैं।
अभिभावक से पूछा गया कि कब खोले जाएं स्कूल
सितंबर, अक्तूबर, नवंबर या दिसंबर से।
21 दिनों तक जिला में कोई नया कोरोना संक्रमित की पहचान नहीं होने पर
21 दिनों तक राज्य में कोई नया मामला नहीं होने पर
21 दिनों तक देश में कोई नया मामला नहीं होने पर
कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद
सरकार के निर्णय के अनुसार
स्कूल खोले जाने पर कब हो क्लास
हर दिन क्लास हो
एक दिन बीच कर क्लास हो
ऑनलाइन के साथ स्कूल में क्लास हो
ऑड-ईवन फॉर्मूला को रोल नंबर के आधार पर क्लास में लागू किया जाए
ऑनलाइन ही कक्षाएं हो और उसकी परेशानियों को दूर करने के लिए स्कूल में क्लास हो
ऑनलाइन डिजिटल कंटेंट में क्या कमियां हैं
प्रासंगिक (रिलीवेंट) नहीं है, बहुत थकाऊ है, पाठ्यक्रम के साथ कोआर्डिनेशन नहीं है, इंटरएक्टिव नहीं है, कंटेंट नहीं देखा गया या कोई कमी नहीं है। अभिभावकों को इन्हें किसी विकल्पों में एक चुनना है।