शाम होते ही रनिया के गांवों में मंडराने लगता है हाथी का भय
रनिया के कई गांव जंगली हाथियों के आतंक से परेशान हैं। किशुनपुर, खुदीबीर, अम्बाटोली और बंदापाड़ी में हाथियों का दल हर शाम आता है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं...

रनिया, प्रतिनिधि। रनिया थाना क्षेत्र के कई गांव इन दिनों जंगली हाथियों के आतंक से जूझ रहे हैं। किशुनपुर, खुदीबीर, अम्बाटोली और बंदापाड़ी समेत आसपास के गांवों में हर शाम जंगली हाथियों का दल प्रवेश कर रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। किशुनपुर के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से हाथियों का दल रोज शाम को गांव के आसपास घूम रहा है, जिससे लोग घरों से निकलने में भी डर रहे हैं। हाथियों द्वारा फसलों को रौंदने और मकानों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। वन विभाग नहीं दे रहा सहयोग, ग्रामीणों में नाराजगी: ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को कई बार सूचना देने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
न ही हाथी भगाने के लिए टॉर्च, पटाखे या अन्य सामग्री मुहैया कराई गई है। ग्रामीण अपनी तरफ से मशाल और ढोल बजाकर हाथियों को भगाने का प्रयास करते हैं, जो काफी जोखिम भरा होता है। मुआवजा भी नहीं मिला, बढ़ रही परेशानी: ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की कि पूर्व में हाथियों से हुए नुकसान का मुआवजा भी अब तक नहीं मिला है। उन्होंने वन विभाग से हाथी भगाने की सामग्री जल्द उपलब्ध कराने और नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। फलों के मौसम में और बढ़ जाता है खतरा: ग्रामीणों का मानना है कि आम और कटहल के मौसम के कारण हाथियों का गांवों की ओर रुख बढ़ा है। समय रहते कार्रवाई नहीं होने पर बड़ी दुर्घटना की आशंका जताई जा रही है।
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