स्मार्ट फोन से दो साल में दोगुनी हुई आईसीडीएस लाभुकों की संख्या
37,810 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन मिलने के फायदे की दी जानकारी, एकीकृत बाल विकास योजना का लाभ मिलना लाभुकों के लिए हुआ आसान

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्यभर की 37,810 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन देने से एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) का लाभ लेने में लाभुकों को काफी आसानी हुई है। आईसीडीएस सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार सत्यापन और लाभार्थी का चेहरा प्रमाणीकरण अनिवार्य है। स्मार्टफोन होने से सेविकाओं के लिए यह काम अब काफी आसान हो गया है। समाज कल्याण विभाग ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि आधार सत्यापित लाभार्थियों की संख्या मार्च 2023 में 17,44,100 (48.03%) थी, जो 31 मार्च 2025 तक बढ़कर 30,11,829 (97.22%) हो गई। यह बढ़ोतरी बीते दो साल में दोगुनी है। बताया गया कि स्मार्टफोन मिलने से राज्य में 38,523 आंगनबाड़ी केंद्रों में सेवाएं देने वाली 37,810 आंगनबाड़ी सेविकाएं वास्तविक समय पर आंकड़ों का संकलन कर रही हैं।
वह स्वतंत्र रूप से और दक्षतापूर्वक अपने दैनिक कार्यों का निपटारा कर रही है। सेविकाओं द्वारा दिए जा रहे डेटा इनपुट के आधार पर जिला एवं राज्य स्तर पर आईसीडीएस के तहत विभिन्न सेवाओं व कार्यों की नियमित प्रगति की निगरानी की जा रही है। गुणवत्तापूर्ण सेवा वितरण को सुदृढ़ बनाने और आंगनबाड़ी केंद्रों के बुनियादी ढांचे में सुधार हेतु डेटा संचालित निर्णय लेने में अत्यधिक सहायता मिलती है। .......................... स्मार्टफोन से आंकड़ों के अंकन कौशल का विकास हुआ है। इससे लाभार्थियों की तस्वीर कैप्चर करने, उनकी पुष्टि करने तथा टीएचआर सहित अन्य सेवाओं को सुचारू रूप से प्रदान करने में सहायता मिलती है। सरिता कुमारी सेविका, सुकुरहुटू, आंगनबाड़ी केंद्र, कांके परियोजना .................... 16,775 केंद्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचा होगा सुनिश्चित निदेशालय ने जानकारी दी है कि विगत दिनों में राज्य सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को आवश्यक बर्तन उपलब्ध कराए हैं। करीब 16,775 केंद्रों को प्राथमिक तौर पर एलईडी टीवी, आरओ जल शुद्धिकरण यंत्र, विद्युत कनेक्शन, पंखे, शौचालय तथा सुरक्षित पेयजल सुविधाओं सहित आधुनिक बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। 1200 से अधिक आदिवासी बहुल गांवों की पहचान की है, जहां नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य जनजाति समुदाय को पोषण, स्वास्थ्य तथा प्रारंभिक शिक्षा सेवाएं देते हुए समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास करना है। नए आंगनबाड़ी केंद्रों में जल्द ही सेविकाओं और सहायिका की नियुक्ति भी जा रही है।
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