चंपाई सोरेन की सियासत अब झूठ पर टिकी हुई है : सतीश पॉल मुंजनी
भाजपा नेता झूठ, अफवाह और भय की राजनीति पर उतर आए, लोगों को गुमराह करने और मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयनमैन सतीश पॉल मुंजनी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि चंपाई सोरेन के बयान हताशा में दी गई एक घिसी-पिटी पटकथा थी, जिसमें न झारखंड का भविष्य था, न जनहित की चिंता, सिर्फ झूठ और झूठे आरोपों का थोक भंडार था। सत्ता की भूख में बौखलाये चंपाई सोरेन की सियासत अब झूठ पर टिकी हुई है। सत्ता से बाहर होते ही भाजपा नेता झूठ, अफवाह और भय की राजनीति पर उतर आए हैं। आज जिस तरह आदिवासी महिला से छेड़खानी के एक गंभीर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास हुआ और तथाकथित बांग्लादेशी घुसपैठियों की मनगढ़ंत कहानियां सुनाई गईं, वह केवल लोगों को गुमराह करने और मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
सतीश पॉल मुंजनी ने कहा कि आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा पर भाजपा की दोहरी नीति है। भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जब दिल्ली में आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म होता है, तब उनके नेताओं की जुबान क्यों सिल जाती है? मणिपुर में आदिवासी महिलाओं पर जघन्य अपराध पर प्रधानमंत्री चुप क्यों रहते हैं? झारखंड में महिलाओं के हक की बात करने से पहले भाजपा को अपने कर्मों का आईना देखना चाहिए। चंपाई सोरेन को यह भी बताना चाहिए 2021 से 2024 के बीच अनुसूचित जातियों की 47,000 से ज्यादा शिकायतें राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) में दर्ज की गई हैं, ये सभी शिकायतें भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की निगरानी में हैं। सबसे ज्यादा मामले भाजपा शासित राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा से आए हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की झूठी कहानी सुनाकर भाजपा फिर से वही पुराना साम्प्रदायिक स्क्रिप्ट दोहरा रही है। क्या भाजपा बताएगी कि पिछले दस वर्षों में केंद्र में रहते हुए इस घुसपैठ के खिलाफ इन्होंने क्या किया? या ये सिर्फ चुनावी कागजी भूत है, जिसे जब मन हो हवा में नचाया जा सकता है?
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