रामगढ़ में बांग्लादेशी घुसपैठी व रोहिंग्या मुसलमानों से पटा है क्षेत्र, जांच कर कारवाई करने की मांग
रामगढ़ में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त और एसपी को आवेदन सौंपा है, जिसमें अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे सुरक्षा...

रामगढ़, निज प्रतिनिधि पश्चिमी बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुए हिंदुओं पर निर्मम हत्या और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड की सुरक्षा व शांति व्यवस्था को बनाएं रखने के लिए सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त और एसपी रामगढ़ को आवेदन सौंपा है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व झारखंड आंदोलनकारी चंद्रशेखर पटवा ने किया। आवेदन में इन्होंने कहा कि रामगढ़ में अवैध घुसपैठियों की बढ़ती संख्या से चिंतित होकर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिग्यों घुसपैठियों को चिन्हित कर रामगढ़ से बहार निकलने का प्रशासन प्रयास करें। ज्ञापन के माध्यम से जिला प्रशासन को बताया कि चितरपुर प्रखण्ड में जान्हे टुंगरी (खौरागढ़ा ) चितरपुर में वन विभाग की जमीन जिसका खाता नं0 471 रकवा लगभग 150 एकड़ है। जिसमें सरकार की ओर से स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया था, उसे भी नष्ट कर दिया गया। इसी वन विभाग की जमीन में लगभग 70 से 80 घर बने हुए है। जिसकी कुल आबादी लगभग 1500 होगी। बताया गया कि यहां के लोग फर्जी तरीके से आधार कार्ड, वोटर कार्ड बनाकर सरकारी लाभ ले रहें हैं। बड़कीपोना बुची टुंगरी गैरमजरूवा जमीन एवं वन विभाग की जमीन खाता नं 1 प्लॉट नं0 1459 रकवा लगभग 12 एकड़ है। जिसमें लगभग 130 घर बनाकर विदेशी घुसपैठिये रह रहे हैं और सरकारी लाभ भी ले रहे हैं। ज्ञापन में संलग्न प्रतिलिपि, स्थानीय लोगों व आवेदनकर्ताओं के अनुसार रामगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ रोहिंग्या मुसलमान छुपकर या जमाई टोला बनाकर रह रहे हैं, जो स्थानीय समाज और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा है। क्षेत्रवासियों का मानना है कि अवैध घुसपैठियों की बढ़ती संख्या से लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा हो रहा है। साथ ही देश की सुरक्षा के लिए भी यह एक गंभीर मुद्दा है। उक्त मामले को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेकर जिला प्रशासन से स्थानीय लोगों ने अनुरोध किया कि वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें और उक्त जमीन को मुक्त करते हुए कानूनी कारवाई करें। अवैध घुसपैठियों को जल्द से जल्द पहचानकर रामगढ़ से बाहर निकाला जाए। इस समस्या का समाधान अत्यंत आवश्यक है और प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में झारखंड आंदोलनकारी चन्द्रशेखर पटवा, मुनीलाल साव, महावीर कुमार महतो, पीयूष चौधरी, मिक्की चौधरी, अजय महतो, आदि शामिल थे।
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