PDS राशन के लिए नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, सरकार कर रही नई व्यवस्था
- झारखंड की जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों में अनाज लेने के लिए लाभुकों को जल्द ही लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी। विशेषकर सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लाभुकों को कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों में अनाज लेने के लिए लाभुकों को जल्द ही लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी। विशेषकर सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लाभुकों को कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि 25 हजार पीडीएस डीलरों के हाथों में जल्द ही 4जी इलेक्ट्रॉनिक पाइंट ऑफ सेल (ई-पॉस) मशीन उपलब्ध होगी। फिलहाल डीलर 2जी आधारित ई-पॉस मशीन से अनाज का वितरण कर रहे हैं। इससे लाभुकों सहित डीलरों को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग जल्द ही इसके लिए टेंडर कराएगा। टेंडर प्रक्रिया क्या होगी, इसके लिए विभाग एक प्रस्ताव तैयार कर उसे कैबिनेट से स्वीकृत कराएगा। टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली एजेंसियों को मशीन मेंटेनेंस का सर्विस भी देना होगा।
2.84 करोड़ लाभुक ले रहे राशन का लाभ, सबसे अधिक डीलर रांची जिला में राज्य में फिलहाल 2.84 करोड़ लाभुक राशन सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इसमें 2.64 करोड़ (2,63,99,111) लाभुक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आच्छादित है। झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने ग्रीन राशन कार्ड धारक की संख्या 20.29 लाख (20,29,345) है।
चंपाई सरकार में 4जी ई-पॉस मशीन की मिल चुकी है स्वीकृति बता दें कि पूर्ववर्ती चंपाई सोरेन सरकार के कार्यकाल में 23 फरवरी 2024 को हुई कैबिनेट बैठक में फोर जी ई-पॉस मशीन लगाने का निर्णय लिया गया था। पीडीएस कम्प्यूटरीकरण योजना अंतर्गत खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाए जाने वाले 2जी नेटवर्क आधारित ई-पॉस मशीन की जगह 4जी ई-पॉस मशीन लगाने की स्वीकृति दी गई थी। इसके लिए कैबिनेट में 63.72 करोड़ रुपए की स्वीकृत हुई। 4जी आधारित ई-पॉस मशीन के मेंटेनेंस पर हर साल 28.67 करोड़ रुपए खर्च करने की भी स्वीकृति दी गई थी।
● सुदूरवर्ती क्षेत्रों सहित राज्यभर में ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को राशन मिलना संभव हो पाएगा।
● एक माह में जितने लाभुकों को राशन वितरण का लक्ष्य होता है, उस समय को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
● राशन वितरण में धांधली की आ रही शिकायतों पर भी लगाम लगेगी।
4जी नेटवर्क आधारित ई-पॉस मशीन से फायदे
राज्य सरकार सेहत के क्षेत्र में राज्यवासियों को बड़ी सौगात देने जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2024 में किया गया प्रयास नए साल के प्रारंभ में ही स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल होने वाली है। राज्य में एक मात्र अस्पताल रिम्स ही है, जहां सुपरस्पेशलिटी उपचार की सुविधा है। लेकिन अब यह सुविधा धनबाद में 20 जनवरी से शुरू हो जाएगी। उसके बाद शीघ्र ही एमजीएमसीएच, जमशेदपुर में भी सुपर स्पेशलिटी उपचार की सुविधा प्रारंभ की जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव ललित मोहन शुक्ला के अनुसार एसएनएमसीएच, धनबाद में न्यूरो सर्जरी की ओपीडी शुरू कर दी गयी है। 20 से कार्डियोलॉजी, आंकोलॉजी भी शुरू कर दी जाएगी। उसके बाद अन्य सुपर स्पेशलिटी विभागों को भी संचालित किया जाएगा। अभी उक्त तीनों विभागों में चिकित्सक की तैनाती हो गयी है।
अन्य सुपर स्पेशलिटी विभागों का संचालन भी आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत निजी सुपर स्पेशलिस्ट हायर कर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बहुत ही जल्द एमजीएमसीएच, जमशेदपुर में भी सुपर स्पेशलिटी उपचार की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। उपकरणों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। न्यूरो सर्जरी और कार्डियोलॉजी में दो चिकित्सकों ने सेवा की सहमति प्रदान कर दी है। बीते माह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने खुद धनबाद और जमशेदपुर जाकर निरीक्षण किया है। जमशेदपुर में भी सुपर स्पेशलिटी का संचालन आयुष्मान भारत योजना के तहत किया जाएगा।
एनईएमएल और ई-झारखंड टेंडर अपनाने पर हो रहा विचार
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 4जी तकनीक आधारित ई-पॉस मशीन के लिए टेंडर किस प्रक्रिया से कराया जाए, इसके लिए कैबिनेट से स्वीकृति लिया जाएगा। टेंडर की स्वाभाविक प्रक्रिया यही है कि गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस यानी जेम पोर्टल पर इसे कराया जाए। लेकिन विभाग को बताया गया है कि जेम पोर्टल सर्विस देने के लिए नहीं है। ऐसे में नोडल विभाग वित्त विभाग के संकल्प के आधार पर अन्य प्रक्रिया से टेंडर कराएगा। इसके लिए कृषि विभाग का प्लेटफॉर्म एनसीडीईएक्स ई-मार्केट्स लिमिटेड (एनईएमएल) या ई-झारखंड टेंडर प्रक्रिया से भी एजेंसी चयन की प्रक्रिया अपनाने पर विचार किया जा रहा है।