झारखंड में शिक्षकों की नियुक्ति और ट्रांसफर नियमावली में होगा बदलाव, सरकार का फैसला; क्या वजह
राज्य सरकार शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली और स्थानांतरण नियमावली में बदलाव करने जा रही है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। नियमावलियों में संशोधन के लिए शिक्षा विभाग अलग-अलग कमेटी का भी निर्धारण कर रहा है।
राज्य सरकार शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली और स्थानांतरण नियमावली में बदलाव करने जा रही है। इसमें उन बिंदुओं को बदला जा रहा है, जिस पर नियुक्ति व स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान अड़चन आयी थी। उसे संशोधित किया जा रहा है। संशोधित नियमावली के बाद नए सिरे से शिक्षकों की नियुक्ति और शिक्षकों का स्थानांतरण हो सकेगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। नियमावलियों में संशोधन के लिए शिक्षा विभाग अलग-अलग कमेटी का भी निर्धारण कर रहा है। राज्य के 26,001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसकी परीक्षाएं हो चुकी हैं और कोर्ट के निर्देश पर रिजल्ट पर रोक है।
नियमावली में पारा शिक्षकों के लिए तय क्वालिफाइंग अंक को सही नहीं कहा गया। अभ्यर्थियों ने इसे चुनौती दी है। क्वालिफाइंग अंक में बदलाव होता है तो नियमावली में बदलाव किया जाएगा। 26,001 पदों पर नियुक्ति होने के बाद 23,999 पदों पर बहाली निकाली जाएगी। इस साल राज्य सरकार हाई स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। इसके लिए भी रिक्तियां जुटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके अलावे शिक्षकों की स्थानांतरण नियमावली में अंतर जिला स्थानांतरण के लिए तय की गई प्राथमिकता के आधार पर अंक निर्धारित है। इसमें जोन में पदस्थापन, उम्र के अनुसार अलग-अलग अंक तय किये गए हैं।
असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षक का अंतर जिला स्थानांतरण का प्रावधान है। इसमें बदलाव किया जा रहा है। असाध्य रोग पीड़ित शिक्षक के अलावा उनके परिजनों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। अगर शिक्षक के पति या पत्नी, बच्चे या फिर माता-पिता असाध्य रोग से पीड़ित हैं तो अंतर जिला स्थानांतरण में शिक्षक को लाभ मिल सकेगा। साथ-साथ महिला शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए भी प्राथमिकताएं बदली जाएंगी।
शिक्षक पात्रता परीक्षा के भी बदलेंगे नियम
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में भी फिर नियम बदलेंगे। राज्य सरकार ने हर विषय के लिए 40-40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य कर दिया था। अब इसे बदल कर पूर्व की तरह किया जाएगा। इसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 52 फीसदी अंक और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 60 फीसदी अंक लाना होगा। झारखंड में 2013 और 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई थी। इसके बाद 2024 में शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन तो लिये गये, लेकिन परीक्षा नहीं हो सकी।