Mahatma Gandhi NREGA Struggles in Bokaro Due to Lack of Funds फंड के अभाव में दम तोड़ रही है मनरेगा योजना, Bokaro Hindi News - Hindustan
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फंड के अभाव में दम तोड़ रही है मनरेगा योजना

फंड के अभाव में दम तोड़ रही है मनरेगा योजनाशल मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ साथ मनरेगा योजना प्रारंभ किया गया था जिसमें स्थायी परिसंपत्ति के स

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोTue, 20 May 2025 04:01 AM
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फंड के अभाव में दम तोड़ रही है मनरेगा योजना

बोकारो जिले के चंदनकियारी समेत संपूर्ण जिले में फंड के अभाव में दम तोड़ रही है भारत सरकार की महत्वकाक्षी योजना मनरेगा। समाज में व्याप्त जनसमस्याओं में ग्रामीण क्षेत्रों में छीपी हुई बेरोजगारी के साथ साथ कुशल व अकुशल मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ साथ मनरेगा योजना प्रारंभ किया गया था जिसमें स्थायी परिसंपत्ति के साथ साथ पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए अलग अलग नामकरण करके कई योजना चलायी गई । जिसमें जलस्तर को बनाए रखने के साथ साथ सिंचाई के लिए अलग अलग आकार का डोभा,बिरसा सिंचाई कूप संवर्घन योजना,टीसीबी,खेल का मैदान,आम बागवानी,कच्ची रोड मरम्मति समेत अन्य योजनाओं को राज्य सरकार,केन्द्र सरकार अलग अलग नाम देकर संचालित किया गया।

काफी पारदर्शिता दिखलाते हुए निर्धारित समय पर मजदूरी भुगतान होने पर जिम्मेवारी तय कर जुर्माना तक की व्यवस्था किया गया। जॉब कार्ड निर्गत करते हुए मेठ,रोजगार सेवक,बीपीओ,कंप्युटर ऑपरेटर,डीपीएम,समेत पंचायत स्तर से राज्य तक पद सृजन कर प्रत्यक्ष रूप से काफी संख्या में लोगों की संविदा के आधार पर नियुक्ति की गई। प्रतिदिन श्रम दिवस सृजन का लक्ष्य दिया गया। वित्तीय वर्षवार बजट में मजदूर,सामग्री मद में राशि खर्च करने की जिम्मेवारी राज्य,जिला ,प्रखंड से ग्राम पंचायतों को दिया गया। आज न कोई मजदूरी उपलब्ध कराने की समीक्षा करते हैं और न बारिश में कूप धंसने की और न ही पेड़ सूखने की समीक्षा की जाती है स्थिति तो यह है कि आज कुछ दलाल के चुंगल की योजना बनकर सीमट गई है क्योंकि हर पंचायत में कुछ गिने चुने दलाल किस्म के लोग हैं जो मुखिया के आगे पीछे करते हैं उनके पॉकेट की योजना बनकर रह गई है। 23 अप्रेल 2025 के रिपोर्ट के अनुसार चार लाख 71 हजार 118 मजदूर को रोजगार देने का था जिसमें से दो लाख 11 हजार 298 को दिया गया था जो मात्र 44 प्रतिशत था जिसमें चंदनकियारी की स्थिति जिले में सबसे कम मात्र 27.3 प्रतिशत था जबकि जिले का औसत 44.9 प्रतिशत था। बिरसा सिंचाई कूप का लक्ष्य के लिए प्रखंड को 656 का लक्ष्य मिला था जिसमें 22 फरवरी तक मात्र 4 चालू किया गया था। जिले के िलए 4876 का लक्ष्य था जिसमें मात्र 114 पूर्ण किया गया जबकि 4775 चालू हालात में रहने की बात है। खेल का मैदान जिले के लिए 688 का लक्ष्य था जिसमें 169 चालू किया गया जबकि 328 पूर्ण किया गया। सबसे मजेदार बात है कि जिस योजना को पूर्ण दिखया गया है उसमें बिचौलिया का पैसा लगा हुआ है। फरवरी 2025 से मजदूरी भुगतान और पिछले छ: माह से सामग्री मद में राशि अप्राप्त है।

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