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कहां तक है जासूसी का जाल; तारिफ ने 30 लोगों का बनवाया पाकिस्तान का वीजा, इन पर भी एक शक

तारिफ ना सिर्फ खुद पाकिस्तान गया था बल्कि उसने 30 और लोगों को पड़ोसी देश का वीजा दिलवाया था। पुलिस अब सबकी कुंडली खंगाल रही है।

Sudhir Jha हिन्दुस्तान, नूंहTue, 20 May 2025 06:44 AM
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कहां तक है जासूसी का जाल; तारिफ ने 30 लोगों का बनवाया पाकिस्तान का वीजा, इन पर भी एक शक

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में नूंह पुलिस और खुफिया एजेंसी की संयुक्त टीम ने रविवार रात लगातार दूसरे दिन एक और युवक को गांव बावला से गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान नूंह के कंगरका गांव निवासी मोहम्मद तारिफ के रूप में हुई। तारिफ ना सिर्फ खुद पाकिस्तान गया था बल्कि उसने 30 और लोगों को पड़ोसी देश का वीजा दिलवाया था।

इससे पहले शनिवार को भी गांव रजाका से 24 वर्षीय अरमान को गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों को सिम कार्ड उपलब्ध कराने और सैन्य गतिविधियों की जानकारी साझा करने का आरोप है। तारिफ के खिलाफ सदर तावडू थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही उसे सात दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। सोमवार को पूछताछ में तारिफ ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी को सिम कार्ड देने और पाकिस्तान जाने की बात कबूल की है। तारिफ गांव में ही झोलाछाप डॉक्टर है।

सूत्रों की मानें तो तारिफ ने पुलिस को बताया है कि साल-2018 में वह पहली बार वीजा के लिए दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग गया था। वीजा के लिए आवेदन करने के बाद एक पाकिस्तानी अधिकारी ने उसका साक्षात्कार किया। साथ ही कुछ दिन में कॉल आने की बात कहकर मोबाइल नंबर ले लिया।

साक्षात्कार के तीन-चार दिन बाद उसके पास पाकिस्तान उच्चायोग से एक अधिकारी की कॉल आई। उसने वीजा देने के एवज में दो सिम कार्ड लाने को कहा। सिम कार्ड देने के उपरांत ही वीजा देने की बातें बताई गईं। इस पर तारिफ अपने गांव और आसपास से दो सिम कार्ड की व्यवस्था कर अगले दिन पाकिस्तान के दूतावास गया। वहां उसने आसिफ बलौच नामक पाकिस्तानी अधिकारी को दो सिम कार्ड दिया। इसके बाद उस अधिकारी ने वीजा जारी कर दिया।

गांव बावला से रविवार रात को गिरफ्तार मोहम्मद तारिफ साल 2018 से अब तक 30 से अधिक लोगों का पाक वीजा बनवा चुका है। इसके एवज में उसे कमीशन मिलता था। वह वीजा के लिए प्रति व्यक्ति 10 से 11 हजार रुपये लेता था।

सूत्रों के मुताबिक तारिफ की गिरफ्तारी के बाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सोमवार से वायरल हो रहा है। उसमें वह दावा कर रहा है कि वह 2018 से यानी सात सालों से पाकिस्तान के लिए काम कर रहा है। दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी आसिफ बलौच और जाफर को सिम कार्ड उपलब्ध कराए। इसके अलावा दोनों के कहने पर कमीशन लेकर लोगों का वीजा बनवाया।

सूत्रों की मानें तो अब तक उसने 30 से अधिक लोगों का पाक वीजा बनवा चुका है। इससे पुलिस की चिंता बढ़ गई है। पुलिस को आशंका है कि तारीफ ने जिस-जिस का वीजा बनाया है, उससे भी देश की खुफिया जानकारी, सेना की गतिविधियों की जानकारी समेत सिम कार्ड आदि मांगे गए होंगे। पुलिस अब सात दिन की रिमांड में तारीफ से उसके कहने पर वीजा बनवाने वालों की जानकारी जुटा रही है। पुलिस उस तक भी पहुंचेगी।

ट्रेनिंग देने की आशंका

सूत्रों की मानें तो गिरफ्तारी के समय जैसे ही तारीफ ने पुलिस को देखा, वह अपने मोबाइल फोन में सेव डाटा को डीलिट करने लगा। लेकिन जबतक वह कुछ करता, पुलिस ने उसे दबोच लिया। जांच में उसके मोबाइल से कुछ डाटा डीलिट पाया गया। आशंका है कि पाकिस्तान में उसे जासूसी करने की ट्रेनिंग आदि दी गई होगी।

रिकॉर्ड खंगालने में जुटी पुलिस की टीम

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए दो आरोपियों के बाद पुलिस अब पाकिस्तान जाने वालों की कुंडली खंगालेगी। इसके लिए रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस पर भी उठ रहे सवाल

नूंह जिले से दो दिन के अंदर पाकिस्तान के लिए जासूसी के दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। शनिवार को गिरफ्तार अरमान और रविवार को तारिफ की गिरफ्तारी ने पुलिस के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि आखिरकार पुलिस की नजर पहले ऐसे आरोपियों पर क्यों नहीं गई।